रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकारें स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों की सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर हैं, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। विकास खंड के ग्राम नैनपुरा की तस्वीर सरकार की मंशा के विपरीत है। यहां तैनात सफाईकर्मी की लापरवाही और ग्राम पंचायत की उदासीनता से गांव की गलियां गंदगी से पट चुकी हैं और नालियां चोक होकर बदबू फैला रही हैं।
ग्रामीण अखिलेश, दिनेश, देवेन्द्र, मयंक, शिवम, गोलू, आशीष, निक्की आदि ने बताया कि गांव में नियमित सफाई नहीं होती। जगह-जगह कूड़े के ढेर, कीचड़ से भरी गलियां और नालियों में घास व कचरे का जमाव स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है। हालत यह है कि गांव की मुख्य गली में स्थित शंकरजी व बाबाजू के मंदिर के आसपास भी कीचड़ फैला है, जिससे श्रद्धालुओं को भी भारी परेशानी हो रही है। गांव की सचिव भी कभी कभार ही गांव में आती हैं। ग्रामीणों को अपने छोटे-छोटे कामों के लिए सचिव के चक्कर लगाने पड़ते हैं। वहीं ग्राम प्रधान द्वारा भी न तो गलियों की मरम्मत कराई जा रही है और न ही सफाई व्यवस्था में सुधार के कोई प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने बीडीओ से मांग की है कि गांव में नियमित सफाई व्यवस्था बहाल कराई जाए, मच्छरों के प्रकोप को रोकने के लिए नालियों में डीडीटी का छिड़काव और फॉगिंग कराई जाए। साथ ही ग्राम पंचायत अधिकारी की सप्ताह में कम से कम एक दिन गांव में उपस्थिति अनिवार्य की जाए, ताकि समस्याओं का समाधान समय पर हो सके।