ढाई लाख की स्मैक के साथ दो नेपाली युवक गिरफ्तार ,,

रिपोर्ट राहुल उपाध्याय

रुपईडीहा, बहराइच। इस समय नेपाल-भारत सीमा पर मादक पदार्थो की तस्करी तेज हो गयी है। भारतीय सुरक्षा बलों को चकमा देकर तस्कर नेपाल पहुंच जा रहे है और उन्हे नेपाल पुलिस दबोच ले रही है। पड़ोसी नेपाली जिला बांके की पुलिस टीम ने स्मैक के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए दोनों लोग नेपालगंज के निवासी है। बांके जिले के डीएसपी दीपक पातली ने बताया कि बुधवार की शाम नेपालगंज वार्ड नंबर 13 में रामलीला मैदान जाने वाली सड़क पर रायल कैफे के पास संदिग्ध परिस्थितियों में दो लोगों को रोककर पुलिस टीम ने तलाशी ली। तलाशी के दौरान उनकी पैंट की जेब से 49 ग्राम स्मैक बरामद हुआ। डीएसपी ने बताया कि बरामद स्मैक की कीमत ढाई लाख रूपये आंकी गयी है। डीएसपी ने बताया कि पकड़े गये युवकों की पहचान 38 वर्षीय चांद अली शेख और 31 वर्षीय बब्लू शेख निवासी नेपालगंज वार्ड नंबर 9 के पिरलीपुरवा के रूप में हुई है। उन्होने बताया कि पकड़े गये युवकों से और पूछताछ हो रही है। इन दोनों ने पूछताछ में बताया कि यह स्मैक भारतीय क्षेत्र से खरीद कर लाये है। डीएसपी ने बताया कि मादक पदार्थ तस्करी का आरोप सिद्ध होने पर कम से कम दस साल की सजा हो सकती है।


मादक पदार्थ का ट्रांजिट प्वाइंट बना नेपालगंज शहर

रूपईडीहा, बहराइच। भारतीय सीमा से सटा नेपाली जिला बांके का नेपालगंज शहर मादक पदार्थ तस्करों के लिए एक पारगमन बिंदु बनता जा रहा है। खुली सीमा होने के कारण तस्कर आसानी से मादक पदार्थ नेपालगंज पहुंचा रहे है। नेपालगंज से नेपाल के विभिन्न जिलों व राजधानी काठमांडू तक मादक पदार्थ पहुंच रहा है। भारतीय बाजार रूपईडीहा में नशीले पदार्थों की आसान उपलब्धता ने भी बांके पुलिस के लिए चुनौतियाँ बढ़ा दी हैं। एसपी बांके इस मुद्दे को लेकर गंभीर है। उन्होने कहा कि इस विषय पर बहराइच एसपी को पत्र के माध्यम से अवगत करायेंगे रूपईडीहा पुलिस व एसएसबी कभी-कभी मादक पदार्थ तस्करों को पकड़ कर जेल भी भेजती है, परन्तु आज तक इनके कारोबारियों को पुलिस सलाखों के पीछे नही भेज पायी है।
बांके जिले के एसपी अंगुर जीसी ने एक प्रेस मीट के दौरान बताया कि इस समय नेपालगंज शहर की स्थिति भयावह होती जा रही है। बांके जिले की पुलिस टीम मादक पदार्थ तस्करों को पकड़ कर जेल भी भेज रही है। परन्तु इस पर पूरी तरीके से अंकुश नही लग पा रहा है। उन्होने बताया कि जिले की पुलिस टीम ने 2025-26 के पहले दो महीनों में दो भारतीय नागरिकों सहित 40 लोगों को मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा उनके कब्जे से जब्त की गई मादक पदार्थों की मात्रा भी स्थिति को चिंताजनक बताती है। पुलिस ने अलग-अलग तारीखों और ठिकानों पर इनके पास से 505 ग्राम और 760 मिलीग्राम स्मैक, 5 किलोग्राम गांजा, 200 मिलीलीटर कोरेक्स, नाइट्रोजेपाम की 1,104 गोलियाँ और ट्रामाडोल के 746 कैप्सूल भी जब्त किए हैं। बांके पुलिस के अनुसार, आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। जिला पुलिस कार्यालय, बांके के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में मादक पदार्थों की तस्करी के 157 मामलों में 236 लोग गिरफ्तार किए गए, उनके पास से 6 किलो 895 ग्राम गांजा और 1,320 नाइट्राजेपाम की गोलियां व 882 ग्राम 22 मिलीग्राम स्मैक बरामद किया गया है। जबकि 2023-24 में 177 मामलों में 264 लोग गिरफ्तार किए गए, उनके पास से 16 किलो 123 ग्राम हशीश, 15 किलो 113 ग्राम अफीम, 5 किलो 868 ग्राम गांजा, 3 लीटर 300 मिलीलीटर कोरेक्स, 812 नाइट्राजेपाम की गोलियां व 915 ग्राम 815 मिलीग्राम स्मैक बरामद किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में दर्ज मामलों की संख्या 213 तक पहुँच गई और मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में 319 लोग गिरफ्तार किए गए, उनके पास से 8 किलो 224 ग्राम हशीश, 113 किलो 250 ग्राम मारिजुआना, 7 लीटर 300 मिलीलीटर कोरेक्स, 3,613 नाइट्रोजेपाम टैबलेट, ट्रामाडोल के 5,348 कैप्सूल व 3 किलोग्राम 4 ग्राम 690 मिलीग्राम स्मैक बरामद की गयी है। एसपी अंगुर जीसी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के मध्य अगस्त तक, बांके पुलिस ने 505 ग्राम 760 मिलीग्राम स्मैक जब्त करने में सफल रही है। बांके पुलिस प्रमुख जीसी के अनुसार, तीन साल के पुलिस आंकड़ों से पता चलता है कि बांके में भारतीय भी मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 8, 2023-24 में 12, 2024-25 में 11 और चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2 भारतीय लोगों को मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में गिरफ्तार किया गया है। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि खुली सीमा के कारण, मादक पदार्थ और नशा विक्रेता आसानी से सीमा पार भारतीय बाजारों से मादक पदार्थ खरीदकर नेपालगंज या उसके आसपास स्थित जमुनहा सीमा चैकी के माध्यम से नेपाल में लाते हैं और फिर उन्हें काठमांडू और करनाली के विभिन्न जिलों में ले जाते हैं।