यूपी के कारागार एवं होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने किया इस जनपद की जेल का निरीक्षण,, कारागार में बंदियों से किया सीधा संवाद,,,कही ये बात

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कारागार एवं होमगार्ड राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), धर्मवीर प्रजापति ने आज रायबरेली जिले की कारागार का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मुख्य द्वार पर सशस्त्र सलामी (गार्ड ऑफ आनर) दी गयी। इस अवसर पर उन्होंने कारागार में “बन्दी कल्याणकारी एवं पुर्नवास सहकारी समिति” के कार्यालय का उदघाटन किया, एक जनपद एक उत्पाद (ODOP) के अंतर्गत कारागार पर निर्मित काठ कला उत्पादों का अवलोकन किया गया। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री प्रजापति ने माटी कला के प्रशिक्षण का निरीक्षण किया तथा कारागार पर निर्मित माटी कला के दीपक , महिला बैरक में निर्मित डिजाइनर दीपक पोशाक, झालर, एप्रेन इत्यादि उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।


इस मौके पर उन्होंने कारागार में गायत्री परिवार द्वारा आयोजित यज्ञ-हवन में भाग लिया गया तथा यज्ञ-हवन का प्रारम्भ कराया गया व कारागार में नौगृह वाटिका के पौधारोपड़ किया गया।

कारागार का निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री श्री प्रजापति द्वारा कारागार की महिला बैरक का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान अखिल भारतीय व्यापार मंण्डल के सौजन्य से महिला बन्दियों को शोल वितरित किये गये तथा उनके साथ रह रहे बच्चों को वस्त्र व उपहारों का वितरण कराया गया। निरीक्षण के दौरान ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं को माननीय मंत्री महोदय द्वारा प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। महिला बैरक में महिलाओं द्वारा तैयार किये गये वस्त्र आदि का अवलोकन किया गया। उन्होंने कारागार के बन्दियों के मध्य सीधा संवाद करते हुए कहा कि कोई भी बन्दी कारागार में आने पर अपने माता-पिता, भाई-बहन तथा अन्य नाते-रिस्तेदारों को असीम कष्ट देते हैं यह इनके प्रारब्ध कर्मो का फल होता है।

उन्होंने कहा कि बन्दियों को अपने आचरण में सुधार लाना चाहिये तथा कारागार में रहते हुए कारागार के विभिन्न व्यवसायों में दक्ष होकर तथा कारागार में संचालित विभिन्न सुधार कार्यक्रमों में सुरूचि पूर्ण ढंग से भाग लेकर सभ्य नागरिक बनना चाहिये। मंत्री श्री प्रजापति द्वारा बताया गया कि सभी बन्दियों को गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिये। उन्होंने निर्देशित किया कि श्रीराम चरितमानस के उत्तरकाण्ड में सनकादिक ऋषियों के ब्रह्मलोक प्रस्थान करने के उपरान्त श्री भरत जी ने सन्त और असन्त के लक्षण भगवान श्रीरामचन्द्र जी से पूछे भगवान ने इसने उत्तर दिये इस अंश की अर्थ सहित जानकारी अधिकाधिक बन्दियों को देने के निर्देश दिये। इस अवसर पर पूजा मिश्रा, अपर जिलाधिकारी वित्त, अमित कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रषासन, वन्दना सिंह, सी0ओ सिटी, ब्रजेष कुमार मिश्र, होमगार्ड कमान्डेन्ट, पूर्णिमा श्रीवास्तव, नगर पालिका अध्यक्ष, त्रिलोचन सिंह छावडा, अध्यक्ष व्यापार मंण्डल, अमिता खुबेले, अध्यक्ष सृजन स्वालम्बन संस्था, डा0 रवि प्रकाश , एम0पी0 सिंह तथा गायत्री परिवार के सदस्यगण, और कारागार अधिकारीगण सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी तथा बन्दीगण उपस्थित रहे।

Leave a Comment