अगला उप राष्ट्रपति कौन होगा ? इस सवाल के पीछे सब लग गए हैं, क्योंकि यह आसान सवाल है।जो थे उन्हें क्यों हटाया गया? इस सवाल को सबने छोड़ ही दिया। पता नहीं चलेगा। कम से कम यही पता कर लेते कि इस्तीफ़ा उन्हें टाइप करके दिया गया था या उन्होंने ख़ुद करवाया? उन्हें कब पता चला कि सेहत ख़राब है? सत्र शुरू होने के बाद? पहले नहीं? एक देश एक चुनाव ऐसे होगा? उप राष्ट्रपति का कार्यकाल ही पूरा नहीं हो सका।
नीतीश कुमार उप राष्ट्रपति बनाए जाएंगे इसकी संभावना कम लगती है। राज्य सभा की जगह लोकसभा चले गए तब क्या होगा? सेहत के नाम पर धनकड़ गए हैं तो क्या नीतीश की सेहत इतनी अच्छी है कि वो धनकड़ की जगह लाए जाएंगे?
प्रधानमंत्री मोदी जे पी नड्डा का विकल्प नहीं खोज पा रहे हैं। लगता है बीजेपी में सब डरे हुए हैं कि अध्यक्ष न बना दिए जाएँ। क्या मोहन भागवत नड्डा का विकल्प खोज चुके हैं ? क्या मोहन भागवत अपना विकल्प खोज चुके हैं? तो फिर 75 की बहस क्यों चल रही है? प्रधानमंत्री विदेश यात्रा का मोह नहीं छोड़ पा रहे, पद छोड़ देंगे ?
शिवराज सिंह चौहान से लेकर राजनाथ सिंह के नाम चल रहे हैं। पता नहीं कितना सच है। आपरेशन सिंदूर की इतनी सफलता इतनी बड़ी है कि रक्षा मंत्री पद से हटा कर वापस उस पद पर भेजा जाए जहां दस साल पहले थे या उप राष्ट्रपति बना दिए जाएंगे? क्यों ?
अगर प्रधानमंत्री कांग्रेस से किसी को लाकर मुख्यमंत्री बना सकते हैं तो वहां से अध्यक्ष लाने में क्या हर्ज है? जिन्हें ले आए हैं उन्हीं को मौक़ा दे सकते हैं।
बीजेपी का जो भी अध्यक्ष होगा उसकी कसौटी यही होगी कि अपने जाति वर्ग और क्षेत्र से पहला होगा लेकिन जो भी होगा वह वैसा ही होगा जो सेहत के नाम पर इस्तीफ़ा दे सके।
