दिवंगत मित्र की याद में बनाया गया संगठन आज बेसहारा बच्चों का सहारा है ‘विशालाक्षी फाउंडेशन’

Vishalakshi Foundation, an organization created in the memory of a late friend, is today a support for destitute children.

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ निवासी निलय अग्रवाल द्वारा मित्र की याद में शुरू किया गया विशालाक्षी फाउंडेशन आज बेसहारा और गरीब बच्चों सहारा बना हुआ है। फाउंडेशन द्वारा राजधानी में बेसहारा व कुपोषित बच्चों को भोजन खिलाने के साथ ही उन्हें शिक्षा देने का काम कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि 29 वर्षीय कामकाजी पेशेवर निलय अग्रवाल ने अपनी दिवंगत मित्र विशालाक्षी की याद में 2019 में ‘विशालाक्षी फाउंडेशन’ की शुरुआत की थी। निलय ने एक कार दुर्घटना में अपनी दोस्त को खो दिया था। लखनऊ में जन्मे एक वरिष्ठ ऑन्टोलॉजिस्ट हैं और गुरुग्राम में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी को अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं। अपने शोध के दौरान उन्होंने पाया कि प्रतिदिन 7000 से अधिक भारतीय भूख से संबंधित बीमारी से मर रहे हैं और 20 करोड़ से अधिक भारतीय भूखे पेट सोने को मजबूर हैं। अपनी मित्र की दुर्घटना में मौत के बाद उन्होंने इस संगठन की शुरुआत की और सर्वप्रथम, प्रोजेक्ट हंगर के माध्यम से लखनऊ शहर में बेघर और निर्धन लोगों को महीने में एक बार खाना खिलाना शुरू किया। धीरे-धीरे इस पहल ने विभिन्न शहरों के युवाओं को अपने साथ जोड़ा। कालांतर में 18 शहरों में विशालाक्षी फाउंडेशन का विस्तार हुआ। ‘प्रोजेक्ट हंगर’ के माध्यम से विशालाक्षी फाउंडेशन ने 13 लाख से अधिक लोगों को भोजन कराया है और कोविड महामारी के दौरान दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को 45000 राशन किट प्रदान की हैं, जिसके लिए उन्हें उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती अनंदीबेन पटेल द्वारा भी मान्यता दी गई थी। विशालाक्षी अब फाउंडेशन अब रोजाना 500 कुपोषित बच्चों को भोजन खिलाता है। इसके अलावा संगठन द्वारा जून 2020 में गुरुग्राम में ड्रीम स्कूल की शुरुआत की गयी। अब जनवरी 2021 में ऐसा ही स्कूल लखनऊ में शुरू किया गया है। विशालाक्षी के युवा स्वयंसेवकों द्वारा गोमतीनगर विस्तार में एक डंपयार्ड को 100 वंचित बच्चों के लिए एक स्कूल में बदल दिया है। यहां अध्ययन करने वाले बच्चों को न सिर्फ पढ़ाया जाता है बल्कि उनके सर्वांगीण विकास के लिए खाना भी खिलाया जाता है। ड्रीम स्कूल वर्तमान में 2000 बच्चों की क्षमता के साथ दिल्ली, गुरुग्राम, कश्मीर, लखनऊ, मुंबई, रांची, गोरखपुर, बीरू सिमडेगा जैसे 8 शहरों में चल रहा है। अब तक विशालाक्षी फाउंडेशन ने 1000 बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में सफलतापूर्वक नामांकित किया है, जिससे उन्हें जीवन में उचित अवसर मिल सके। इस वर्ष ड्रीम स्कूल ने स्वेज इंडिया फाउंडेशन की मदद से 60 बच्चों को स्टडी हॉल, ज्ञान कॉन्वेंट जैसे निजी और सरकारी स्कूलों में नामांकित किया है।

नर सेवा नारायण सेवा

खबर के अनुसार लखनऊ चैप्टर का नेतृत्व विशालाक्षी फाउंडेशन के सह-संस्थापक 25 वर्षीय कामकाजी पेशेवर अलिंद अग्रवाल कर रहे हैं। अलिंद अपनी टीम के स्वयंसेवकों अनंत, दिव्यांशु, परमानंद, सुप्रिया, यश, निखत, आशीष और वैशाली के साथ एक ऐसा भारत बनाना चाहते हैं जहां कोई भी भूखे पेट न सोए और कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।

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