रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को बच्चों को पिलाई विटामिन ए
Auraiya news today ।औरैया जनपद के दिबियापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिबियापुर से बुधवार को विटामिन-ए संपूर्ण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार वर्मा ने बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया। अभियान के तहत जनपद के सभी टीकाकरण सत्र स्थलों पर नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाई गयी। विटामिन ए सम्पूरण’ कार्यक्रम बुधवार एवं शनिवार को आयोजित होने वाले ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस सत्रों (वीएचएनडी एवं यूएचएनडी) के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर संचालित टीकाकरण कक्ष में भी संचालित किया जाएगा और नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाई जाएगी। इस मौके पर सीएमओ ने कहा कि बच्चों के संपूर्ण मानसिक और शारीरिक विकास के लिए पहले घंटे के अंदर मां का पीला गाढ़ा दूध, छह माह तक सिर्फ स्तनपान व संपूर्ण टीकाकरण के साथ-साथ साल में दो बार विटामिन-ए खुराक पिलाना आवश्यक है। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से साल में दो बार इस अभियान का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा, सभी माताएं जिनके बच्चे नौ माह पूर्ण कर चुके हैं, वह अपने बच्चों को विटामिन-ए की खुराक जरूर पिलाएं।
एसीएमओ डा. शिशिर पुरी ने कहा कि अभियान के दौरान पूर्ण टीकाकरण (24 माह तक), वजन लेना और अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करना, सभी बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाना, पहले एक घंटे के अंदर और छह माह तक शिशु को सिर्फ स्तनपान कराने के प्रति जागरुकता आदि पर जोर दिया जाएगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने बताया कि नौ से 12 माह के बच्चे को विटामिन ए की एक मिली खुराक नियमित टीकाकरण सत्र के दौरान मीजल्स रूबेला(एमआर) के पहले टीके के साथ, 16 माह पूरे होने पर बच्चों को विटामिन ए की दो मिली खुराक और दो से पाँच साल के बच्चों को छह-छह माह के अंतराल पर विटामिन ए की दो मिली खुराक पिलाई जाती है। अभियान के तहत नौ माह से पाँच साल तक के 1.59 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने का लक्ष्य है।
क्यों पिलाएं विटामिन ए की खुराक
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि शारीरिक विकास में विटामिन ‘ए’की महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसलिए सरकार द्वारा समय-समय पर बच्चों को यह खुराक पिलाई जाती है। विटामिन ए बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में सहायक होता है। प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होने से शारीरिक विकास भी अच्छा होता है। उन्होंने बताया कि दांत, हड्डियां,त्वचा और नरम ऊतक को स्वस्थ रखने साथ ही आंखों को ठीक तरह से कार्य करने में विटामिन ए की जरूरत होती है। इससे बच्चे बीमारी से दूर रहते हैं इसकी कमी होने पर बच्चे को बार-बार इंफेक्शन होता है और उनका विकास भी बाधित होता है। उन्होंने बताया कि विटामिन ए की कमी के कारण आंखों और त्वचा संबंधी रोग भी जल्दी होते हैं, इसीलिए विटामिन ए की यह खुराक सभी माता पिता अपने बच्चों को अवश्य पिलाएं।
इस दौरान उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जय किशन , सहयोगी संस्था यूनिसेफ के डीएमसी नरेंद्र शर्मा सहित सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक व अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।