(रिपोर्ट – बबलू सेंगर)
Jalaun news today । किसी भी घटना का अनावरण करने के लिए साक्ष्य जरूरी है। उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर पीड़ित को सुलभ न्याय भी शीघ्र मिल जाता है। सही मायने में साक्ष्य संकलन ही पुलिस की पहली परीक्षा होती है। हर पुलिसकर्मी को साक्ष्य संकलन के प्रति गंभीर रहना चाहिए। यह बात साक्ष्य संकलन के लिए कार्यशाला में सीओ रविंद्र गौतम ने कही।
सर्किल के तीनों थानों जालौन, कुठौंद व सिरसा कलार में साक्ष्य संकलन के लिए जनपदीय फील्ड यूनिट द्वारा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें विवेचना में विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए साक्ष्य संकलन, बढ़ते साइबर क्राइम में डिजिटल साक्ष्यों के संकलन एवं फोरेंसिक इंवेस्टिगेशन के संबन्ध में विस्तृत जानकारी दी गई। फील्ड यूनिट के सदस्य जितेंद्र मीणा ने कहा कि हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, दुष्कर्म, चोरी समेत अन्य वारदात के बाद अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस के पास साक्ष्य होना जरूरी होता है। साक्ष्य के अभाव में कई बार अपराधी बच निकलते हैं। यदि वारदात के बाद साक्ष्य एकत्र करने में सावधानी बरती जाए तो उन साक्ष्यों के आधार पर अपराधियों को सजा दिलाई जा सकेगी। जांच में साक्ष्यों को उचित रूप से शामिल करके न्याय प्रक्रिया को जल्द पूरा कराया जा सकता है। थाना क्षेत्र में कहीं भी घटना होने पर संबंधित थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारी एसपी को सूचना देंगे। एसपी के आदेश के बाद गठित फील्ड यूनिट तत्काल घटनास्थल पर पहुंचेगी। इसके बाद फिंगर, फुट प्रिंट के साथ ही बाल, रक्त, हडडी, दांत, और हथियार आदि साक्ष्यों को एकत्र किया जाएगा। इन साक्ष्यों को एकत्र करने में क्या सावधानी रखनी है इसका विधिवत प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर सीओ रविंद्र गौतम, कोतवाल विमलेश कुमार, कुठौंद थानाध्यक्ष कमलेश प्रजापति, चुर्खी थानाध्यक्ष दिनेश कुरील, इंस्पेक्टर क्राइम उदयवीर सिंह, एसएसआई आनंद सिंह समेत तीनों थानों का पुलिस फोर्स सम्मिलित रहा।