Jalaun news today । प्राइवेट शिक्षण संस्थाएं पूरे वर्ष अभिभावकों की जेबों को खर्च कराने पर तुली रहती हैं। विद्या के मंदिर कहे जाने वाले स्कूलों के संचालकों द्वारा पुस्तकों के नाम पर मनमानी कीमतों को वसूलने से नाराज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर इस पर रोक लगाने की मांग की है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत सहसंयोजक सत्यम याज्ञिक के नेतृत्व में गोपालजी बाथम, निखिल बाथम, हरिओम पटेल, आदित्य हृदय ने एसडीएम अतुल कुमार ज्ञापन सौंपकर बताया कि स्कूल संचालक वैसे तो अपना उद्देश्य समाजसेवा बताते हैं। लेकिन आज के समय में उनके लिए शिक्षा व्यापार का साधन हो गई है। समाजसेवा के व्यापार बनने के कारण इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक परेशान हैं। सरकार द्वारा भले ही पाठ्यक्रम निर्धारित कर दिया गया है। लेकिन प्राइवेट स्कूल संचालक अपनी मनमर्जी से मंहगी किताबों को स्कूलों में लगाए हुए हैं। वहीं, स्कूल संचालकों व पुस्तक विक्रेताओं से लुटने को मजबूर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। बच्चों को या तो स्कूल से या एक निर्धारित दुकान से ही महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इन दुकानों पर कोई छूट मांगने पर अभिभावकों को भगा दिया जाता है। स्कूल में पाठ्यक्रम प्रकाशक निर्धारित चल रहा है ऐसे में मंहगी किताबें मिलना स्वभाविक है। छात्रों ने एसडीएम से पुस्तकों के नाम मची लूट को कम कराने की मांग की है।
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए एवीबीपी पदाधिकारियों ने सौंपा ज्ञापन, की ये मांग
AVBP officials submitted memorandum to stop the arbitrariness of private schools, made this demand