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स्टाम्प कमी का बहाना कर कालाबाजारी करने का लगा आरोप,लोगों ने की ये मांग

Jalaun news today । जालौन नगर में स्टाम्प विक्रेताओं के नए वित्तीय वर्ष में रजिस्टर जारी नहीं किए गए और न ही नया स्टाक दिया गया। नये स्टाम्प न मिलने के कारण इनकी कमी है। कमी का फायदा उठाकर स्टाम्प विक्रेता इसकी कालाबाजारी कर रहे हैं और ई स्टाम्प पर अधिक कीमत वसूल कर रहे हैं।
स्टाम्पों की बिक्री करने का लाइसेंस एडीएम द्वारा जारी किया जाता है। तहसीलदार कार्यालय, सब रजिस्ट्रार कार्यालय के साथ मुंसिफ कोर्ट के लिए स्टाम्प विक्रेताओं को लाइसेंस जारी किए गए हैं। ये लाइसेंसधारी स्टाम्प विक्रेता ऑफ लाइन व ऑनलाइन दोनों तरह से स्टाम्प की बिक्री कर रहे हैं। स्टाम्प की बिक्री सरकारी निर्देशानुसार उसमें अंकित मूल्य पर होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। स्टाम्प विक्रेता अपने मनमाने मूल्य पर इनकी बिक्री कर रहे हैं। सबसे ज्यादा मांग 10 रुपये के स्टाम्प की होती है। मांग का फायदा उठाते हुए स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा 10 रुपये का स्टाम्प 15 से 20 रुपये में बेचा जा रहा है। इसके साथ 100 रुपए का स्टाम्प 120 से 130 रुपये में बेचा जा रहा है। स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा स्टाम्प की कालाबाजारी करने के कारण लोगों को शपथ पत्र बनवाना महंगा पड़ रहा है। खुलेआम स्टाम्प की बिक्री निर्धारित मूल्य से ज्यादा पर हो रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। मजे की बात यह है कि वित्तीय वर्ष समाप्त हुए एक महीना बीत चुका है लेकिन अभी तक पुराने रजिस्टर जमा नहीं कराये गए हैं और न ही नए रजिस्टर जारी किए गए हैं। जिसके चलते स्टाम्प की कमी है। उधर प्रशासन लोकसभा चुनाव में व्यस्त हैं। ऐसे में स्टाम्प विक्रेता मौके का फायदा उठा रहे हैं। समाजसेवी महेन्द्र बुन्देला, रहीस नाना, देवेन्द्र प्रजापति, मानसिंह आदि ने जिलाधिकारी से मांग की है कि स्टाम्प की कालाबाजारी पर रोक लगायी जाए।

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