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तालाब में डूबने से हुई दो किशोरों की मृत्यु के बाद लोगों ने की सुरक्षा को लेकर यह मांग,,,

Jalaun news today । जालौन नगर में रविवार को तालाब में डूबकर दो किशारों की मौत हो गई थी। किशोरों की मौत के बाद नगर में स्थित तालाबों की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगने लगे हैं। मोहल्ला जोशियाना स्थित तालाब के सौंदर्यीकरण के बाद वहां सुरक्षा के लिए बेरीकेडिंग लगाने की मांग मोहल्ले के लोगों ने की है।
रविवार को मोहल्ला चुर्खीबाल स्थित तालाब पर मोहल्ला चुर्खीबाल निवासी चार किशोर खेलने के लिए गए थे। खेलते हुए वह तालाब में नहाने लगे। नहाने के दौरान ही गहराई में जाने से किशोर पानी में डूबने लगे। जिनमें से दो किशोरों को तो किसी तरह बचा लिया गया। जबकि दो किशोरों की डूबकर मौत हो गई थी। नगर में तालाबों से अतिक्रमण हटाने के बाद इन तालाबों का सुदंरीकरण कराया गया था।

लोगों का कहना है कि ऐतिहासिक मुरलीमनोहर तालाब में भी डूबकर कई लोगों की मौत हो चुकी है। सुंदरीकरण के बाद तालाब के चारों बाउंड्रीवाल बनाई गई और गेट लगाकर ताला डाल दिया गया। जो सुबह शाम खोला जाता है। इसी प्रकार चुर्खीबाल तालाब के सुंदरीकरण के बाद वहां सुरक्षा की दृष्टि से चारों ओर जाली लगाकर गेट लगाया गया है। रविवार को छुट्टी का दिन होने के चलते लोग तालाब पर घूमने के लिए जाते हैं। जिसके चलते गेट खुला हुआ था। इसी दौरान यह हादसा हो गया। तालाबों की सुरक्षा को देखते हुए सोमवार को जब नगर के मोहल्ला जोशियाना स्थित तालाब को देखा गया तो वहां सुंदरीकरण के बाद तालाब के चारों ओर इंटरलॉकिंग कराई गई है। तालाब की भी खुदाई कराकर तालाब को पक्का कराया गया है। लेकिन तालाब के चारों ओर सुरक्षा की दृष्टि से न तो बैरीकेटिंग मिली और न ही कोई बाउंड्रीबाल बनी हुई मिली। पूरा तालाब चारों ओर से खुला हुआ था। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि तालाब की गहराई करीब 20 फीट है।

रविवार के हादसे के बाद भी तालाब में आसपास के कुछ किशोर नहाते हुए मिले। जब उन्हें हादसे के बारे में बताया गया तब वह बाहर निकले। मोहल्ले के लोगों ने रविवार के हादसे को देखते हुए पालिका प्रशासन से तालाब के चारों ओर सुरक्षा जाली अथवा बाउंड्री बाल बनवाने की मांग की है।


जोशियाना मोहल्ले के हिमांशु शर्मा ने कहा कि यह तालाब करीब 20 फीट गहरा है। मोहल्ले व आसपास के बच्चे तालाब पर खेलने के लिए आ जाते हैं। कई बार बच्चे नहाने के लिए तालाब में अंदर भी चले जाते हैं। जिससे डर बना रहता है। यदि बाउंड्रीबाल हो तो बच्चे अंदर नहीं जा सकेंगे।

कृष्णा बाबू।
इसी मोहल्ले के कृष्णा बाबू कहते हैं कि वह तालाब के पास ही रहते हैं। रविवार की घटना दिल दहलाने वाली है। वह बच्चों को तालाब पर जाने से रोकते हैं। कभी कभार आंख बचाकर बच्चे तालाब पर पहुंच भी जाते हैं। यदि बाउंड्रीवॉल बन जाती है तो सुरक्षा रहेगी।


मोहल्ले के रामआसरे कहते हैं कि उनका घर तालाब के सामने ही है। वह बच्चों को देखते रहते हैं। कई बार बच्चों को तालाब में जाने से मना भी करते हैं। लेकिन कुछ बच्चे रोकने के बाद भी नहाने के लिए चले जाते हैं। बाउंड्रीवॉल बनने के बाद बच्चे तालाब में अंदर नहीं जा सकेंगे।

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