Jalaun news today । जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। यह बात शनिधाम पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में कथा व्यास पंडित रोहित रिछारिया ने कही।
गूढ़ा न्यामतपुर स्थित शनिधाम मंदिर पर शनि जन्मोत्सव के अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कथा व्यास पंडित रोहित रिछारिया ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। उनका लालन-पालन नंदबाबा के घर में हुआ था। श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध करके पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया और अपने माता-पिता को कारागार से छुड़वाया। कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा। इस दौरान नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की भजन प्रस्तुत किया गया तो श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमे। उन्होंने एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां दी। इस मौके पर पारीक्षित मुन्नी देवी त्रिपाठी, यज्ञ यजमान मिथलेश, वृंदावन त्रिपाठी, आरती, आनंद त्रिपाठी, दीप कुमार, कृष्णा, प्रियतम त्रिपाठी, प्रियंका, मंजूलता, सतीश पांडेय, स्वर्णलता, अजीत कुमार, अर्चना, नरेंद्र कुमार द्विवेदी आदि मौजूद रहे।