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जालौन में चल रही भागवत कथा में भागवताचार्य ने सुनाई ये सुंदर कथा

Bhagwatcharya narrated this beautiful story in the Bhagwat Katha going on in Jalaun.

(रिपोर्ट – बबलू सेंगर)

Jalaun news today । ‘‘राम नाम अति मीठा, कोई गा के देख ले। आ जाते हैं राम, कोई गा के देख ले।।’’ उक्त पंक्तियां श्रीवीरबालाजी हनुमान मंदिर पर आयोजित साप्ताहिक श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ व श्रीसीताराम महायज्ञ के चौथे दिन आचार्य पंडित आशीष कृष्ण शास्त्री ने उपस्थित भगवद् प्रेमियों के समक्ष कही।
उरई रोड स्थित श्रीवीर बालाजी हनुमान मंदिर पर आयोजित श्रीसीताराम नवकुंडीय महायज्ञ व सप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन भगवताचार्य पंडित आशीष कृष्ण शास्त्री ने उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ईश्वर से प्रेम करने वाले भक्तों को भगवान बिन मांगे ही वह सबकुछ दे देता है, जिसकी वह कल्पना भी नहीं कर सकता। तुम भगवान् के भक्त बनकर तो देखो वह सदैव तुम्हारे हितार्थ तत्पर रहेंगे। प्रभु राम की संगति में पशु भी अपना पशुवत व्यवहार छोड़ देता है, वहीं रावण की संगति में मानव भी पशुवत व्यवहार अपना लेता है। राम-रावण, कृष्ण-कंस तथा द्रोपदी-दुर्याेधन की राशि एक होने के बाद भी उनके कर्म अलग-अलग होने से उनके चरित्रों में काफी असमानताएं रहीं। व्यक्ति जैसे कर्म करता है, वैसा ही फल उसे प्राप्त होता है। इसलिए व्यक्ति को हमेशा ही सद्कर्मों को करने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए। यज्ञाचार्य शैलेंद्रचंद्र शास्त्री ने यज्ञ स्थल में नौ कुंडियों पर बैठे भक्तों को विधि-विधान से आहूति दिलाई। रात में रामलीला का आयोजन किया गया जिसमें कलाकार ने भजन गाकर समा बांधा। इस मौके पर मंदिर के पुजारी व पारीक्षित कमलेश महाराज, पुष्पा पटेल, अंजनी श्रीवास्तव, प्रेमनरायण शर्मा, किशोरी देवी, निखिल अग्रवाल, राजकुमार विश्नोई, आलोक शर्मा, देवेंद्र प्रजापति, कुमुद कुमारी, प्रदीप, यदुनाथ, यखिल पटेल, ब्रजेश, कुलदीप, संदीप, राजेंद्र, शिरोमणि, बलदेव, मंजरी, प्रीति, आदि भागवत प्रेमियों ने आस्था के साथ कथा को सुनकर जीवन में अच्छे कर्मों को अपनाने की प्रेरणा ली।

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