Jalaun news today ।जालौन क्षेत्र के हरीपुरा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथावक्ता पंडित राजेेश मिश्र ने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रासलीला का वर्णन किया।
पंडित देवेंद्र मिश्रा हरीपुरा में स्थित दुर्गा मंदिर में कथा वक्ता पंडित राजेश मिश्र ने कहा कि रास तो जीव के शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया है लेकिन वह भगवान को पराजित नही कर पाया उसे ही परास्त होना पड़ा है रास लीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है गोपी गीत पर बोलते हुए व्यास ने कहा जब तब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाता है लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है उसे दर्शन देते है। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ लेकिन रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। इस कथा में समझाया गया कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नही सकती यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक नही तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है। धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत ही प्राप्त हो जाती है। इस मौके पर परीक्षित अशोक मिश्रा, नारायण सिंह, मुन्नी देवी, मुक्ति, राजकुमार, अनुज, कोमल, उर्मिला तिवारी, ममता देवी, मीना, शिवानी आदि मौजूद रहे।
भागवत कथा में भागवताचार्य ने कही यह बात,,
Bhagwatcharya said this in Bhagwat Katha,
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रामकथा में कथाव्यास ने सुनाई यह सुंदर कथा,,
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