(रिपोर्ट – बबलू सेंगर)

Jalaun news today । जालौन नगर के एकमात्र सरस्वती मंदिर पर आयोजित भागवत कथा के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें भक्तों ने जमकर भंडारे को चखा। उधर, श्रीशिवदुर्गा मंदिर में आयोजित भागवत कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित की कथा का वर्णन किया गया।
श्रीशिवदुर्गा मंदिर पर आयोजित भागवत कथा में वृंदावन धाम से पधारे कथा व्यास पंडित पुरुषोत्तम शरण ने ने कहा कि संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है। सदा अपने नेत्र, श्रवण और वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। क्योंकि जैसा हम सुनते हैं, देखते हैं, ठीक वैसा ही आचरण करते हैं। ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप क्या देख रहे हैं, क्या सुन रहे हैं। देखना और सुनना अगर सुधरा हुआ हो, अच्छा हो तो व्यक्ति कभी गलत रास्ते पर नहीं जाएगा। जो उचित हो हमेशा वहीं देखो और सुनो। भगवान के नाम का आश्रय लो, सत्संग करो, वहीं हमारे साथ जाएगा। परमात्मा ही परम सत्य है। जब हमारा ध्यान परमात्मा में लगेगा तो संसार गायब हो जाएगा। इसलिए संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है। इस दौरान सुदामा चरित की कथा में कृष्ण और सुदामा की मित्रता का भी वर्णन किया गया। इस मौके पर नारायण सिंह, राजकुमार सिंह पिंटू , राजनारायण, कोमल सिंह, देवी सिंह आदि मौजूद रहे।

