Lucknow news today। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार की देर शाम अपने सरकारी आवास पर नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर सीएम योगी ने सभी विभागों में रिक्त पदों पर यथाशीघ्र नियुक्ति करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री योगी ने कहा कि ने कहा कि आकांक्षात्मक विकासखंडों में तैनात सभी CM Fellow अच्छा कार्य कर रहे हैं। शोधार्थियों को @UPGovt के साथ नीति, शासन, प्रबन्धन, क्रियान्वयन अनुश्रवण के कार्यों में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्राप्त हुआ है, जो उनके भविष्य निर्माण में भी सहायक है।
उन्होंने कहा कि CM Fellow की सेवावधि पूर्ण होने के बाद भविष्य में होने वाली शासकीय सेवाओं में इन युवाओं को वरीयता दी जाए। इन्हें आयु में छूट और अनुभव के लिए भारांक दिया जाना चाहिए। इस संबंध में सुस्पष्ट नीति तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री श्री योगी ने कहा कि योग्य, नवाचारी और कर्मठ अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने की नीति के साथ कार्य कर रही है। इसी भाव के साथ विगत 6 वर्षों में वरिष्ठ पदों पर तैनाती की औसत अवधि में विस्तार हुआ है। वर्ष 2012-17 तक जिलाधिकारी स्तर पर जहां औसतन 12 माह का कार्यकाल होता था, आज न्यूनतम 18 माह की अवधि मिल रही है। इसी प्रकार, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव पद पर वर्ष 2012-17 के मध्य औसतन कार्यकाल 17 माह का हुआ करता था, आज औसतन 26 माह की अवधि मिल रही है।
इससे अधिकारियों को कार्य करने के बेहतर अवसर मिल रहे हैं। उन्हें अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का मौका भी मिल रहा है।
समयबद्ध पदोन्नति शासकीय सेवा का अनिवार्य हिस्सा है। हर कर्मचारी को नियत समय पर इसका लाभ मिलना ही चाहिए।
पदोन्नति की प्रक्रिया अनावश्यक लम्बित न रखी जाए। इस वर्ष मुख्य सचिव/अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/विभागाध्यक्ष स्तर पर की जाने वाली पदोन्नति का कार्य प्रत्येक दशा में 30 सितम्बर तक पूरी कर ली जाए।
सीएम योगी ने जारी किए निर्देशों में कहा कि कर्मचारियों के ACR को उनकी कार्यक्षमता/कार्यपद्धति से जोड़ा जाना चाहिए। इस संबंध में तकनीक की मदद से एक बेहतर कार्ययोजना तैयार करें ।कर्मचारियों की नियुक्ति, स्थानांतरण, अवकाश प्रबंधन, मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर, वेतन आहरण, सेवा पुस्तिका प्रबंधन और कार्यमुक्ति के लिए मानव संपदा पोर्टल का उपयोग किया जाना चाहिए।
इस पोर्टल के अब तक के उपयोग से न केवल शासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि कर्मचारियों को आसानी भी हुई है। बढ़ती आवश्यकताओं के दृष्टिगत इसे और प्रभावी बनाए जाने की आवश्यकता है:
कार्मिक विभाग के अंतर्गत पूर्व से स्थापित प्रशिक्षण समन्वय प्रकोष्ठ के कार्यों के साथ डिजिटल प्रशिक्षण का समन्वय करने तथा मानव सम्पदा पोर्टल एवं ई-अधियाचन सम्बन्धी परियोजनाओं को संचालित करने हेतु सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा एक नए अनुभाग ‘कार्मिक अनुभाग-5’ का सृजन किया जाए।
लोकतांत्रिक व्यवस्था में कर्मचारी संगठनों का पूरा सम्मान है। शासन स्तर के अधिकारियों से हर विभागाध्यक्ष तक कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों/प्रतिनिधियों से संवाद बनाए रखें।उनकी समस्याओं/आवश्यकताओं का प्राथमिकता के साथ यथोचित निस्तारण किया जाए। लखनऊ में निर्माणाधीन राज्य प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी को यथाशीघ्र क्रियाशील किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री योगी ने कहा कि ऐसे विभाग जिनके पास अपने प्रशिक्षण संस्थान नहीं हैं, उनके लिए यहां पर फाउंडेशन/इंडक्शन प्रशिक्षण का कार्यक्रम किया जाए। यह अकादमी समस्त समूह ‘ख’ के नवनियुक्त अधिकारियों को एक साथ आधारभूत प्रशिक्षण देने में उपयोगी होगी।
इसके साथ ही, सचिवालय प्रशिक्षण संस्थान को उपाम के नवीन परिसर में भी स्थापित किया जाना चाहिए।
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