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भागवत कथा में भागवताचार्य ने कही यह बात, सुनकर प्रसन्न हुये श्रदालु

Bhagwatcharya said this in Bhagwat Katha, devotees were happy to hear this

Jalaun news today । मानव जीवन में जितनी आवश्यकता भोजन व वस्त्र की है, उतनी ही आवश्यकता सत्संग की भी है। सत्संग से ही मानव जीवन का कल्याण संभव है। इसलिए जहां भी सत्संग होता मिले उसमें अवश्य ही बैठें। यह बात पंडित राजेश मिश्रा ने मोहल्ला हरीपुरा में आयोजित श्रीमद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन उपस्थित श्रोताओं के समक्ष कही। हरीपुरा में श्रीदुर्गा माता परिसर में श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में कथा वाचक पंडित राजेश मिश्रा ने उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत कथा समाज का दर्पण है। भागवत कथा सुनकर मन व आत्मा तृप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि सत्संग के माध्यम से लोग अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। सत्संग के माध्यम से ही मानव जीवन का कल्याण संभव है। मानव जीवन में जितनी आवश्यकता भोजन व वस्त्रों की है उतनी ही आवश्यकता सत्संग की भी है। समाज को सही दिशा व ज्ञान भागवत कथा के द्वारा ही होता है। कलयुग में साक्षात परमात्मा का दर्शन एवं साक्षात्कार श्रीमद भागवत कथा महापुराण है। इस मौके पर परीक्षित अशोक मिश्रा, रविंद, राजकुमार, विनय, विकास, मोहित, धर्मेंद्र, रोहित, शिवशंकर, राकेश, गीता मिश्रा, मीना शिवानी, ममता देवी, प्रतिभा, अलका शुक्ला, उर्मिला तिवारी, रामजानकी आदि मौजूद रहे।

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