Jalaun news today । चैत्र मास की नवरात्र के दूसरे दिन नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित देवी मंदिरों पर देवी के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की गई। लोगों ने देवी मां से सुख समृद्धि की कामना की ।
मां शक्ति के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा नवरात्र के दूसरे दिन देवी मंदिरों पर की गई। जिसमें नगर व ग्रामीण क्षेत्र के भक्तों ने देवी मंदिरों पर पहुंचकर देवी मां को रोली चंदन, नारियल आदि चढ़ाकर पूजा अर्चना की। इस दौरान पूरा नगर जय माता दी के नारों से गुंजायमान रहा। पंडित देवेंद्र दीक्षित बताते हैं कि मां के ब्रह्मचारिणी नाम के पीछे देवी श्रीमद् भागवत पुराण में एक रोचक कथा है। जब मां शक्ति ने राजा हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और भगवान शिव को वर स्वरूप पाने के लिए तपस्या की। देवी की तपस्वी स्वरूप के कारण ही इनका नाम बह्मचारिणी और तपश्चारिणी हुआ। मां का स्वरूप देवी सरस्वती का भी रूप माना गया है। इसलिए इनकी साधना और पूजा छात्रों के लिए बहुत भी लाभप्रद कहा जाता है। इनकी साधना से मेधा शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति होती है। मां शक्ति के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन देवी मंदिरों पर की गई। जिसमें नगर व ग्रामीण क्षेत्र के तमाम लोगों ने देवी मंदिरों पर पहुंचकर देवी मां को रोली चंदन, नारियल आदि चढ़ाकर पूजा अर्चना की और मां से सुख समृद्धि की कामना की।
नवरात्रि के दूसरे दिन भक्तों ने की माँ ब्रम्हचारिणी की पूजा अर्चना,,,
Devotees worshiped Goddess Brahmacharini on the second day of Navratri.
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