रिपोर्ट बबलू सेंगर
Jalaun news today । शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित देवी मंदिरों पर देवी के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की गई। इसके साथ ही नगर में आधा सैकड़ा पंडालों में सजी मां के विभिन्न स्वरूप की पूजा अर्चना कर लोगों ने देवी मां से सुख समृद्धि की कामना की ।
मां शक्ति के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा नवरात्र के दूसरे दिन देवी मंदिरों पर की गई। जिसमें नगर व ग्रामीण क्षेत्र के भक्तों ने देवी मंदिरों पर पहुंचकर देवी मां को रोली चंदन, नारियल आदि चढ़ाकर पूजा अर्चना की। इस दौरान पूरा नगर जय माता दी के नारों से गुंजायमान रहा। पंडित देवेन्द्र दीक्षित बताते हैं कि मां के ब्रह्मचारिणी नाम के पीछे देवी श्रीमद् भागवत पुराण में एक रोचक कथा है। जब मां शक्ति ने राजा हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और भगवान शिव को वर स्वरूप पाने के लिए तपस्या की। देवी की तपस्वी स्वरूप के कारण ही इनका नाम बह्मचारिणी और तपश्चारिणी हुआ। मां का स्वरूप देवी सरस्वती का भी रूप माना गया है। इसलिए इनकी साधना और पूजा छात्रों के लिए बहुत भी लाभप्रद कहा जाता है। इनकी साधना से मेधा शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति होती है। मां शक्ति के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन देवी मंदिरों पर की गई। जिसमें नगर व ग्रामीण क्षेत्र के तमाम लोगों ने देवी मंदिरों पर पहुंचकर देवी मां को रोली चंदन, नारियल आदि चढ़ाकर पूजा अर्चना की और मां से सुख समृद्धि की कामना की।नगर के प्रमुख देवी मंदिर छोटी व बड़ी माता मंदिर, छटी माता, अलखिया माता, संतोषी माता मंदिर समेत सभी छोटे बड़े मंदिरों में पूजा अर्चना की गयी। नगर के आधा सैकड़ा दुर्गा पंडालों में मां के विभिन्न स्वरूपों की सजी झांकियों में सुबह शाम की पूजा अर्चना व आरती में भक्तों की भीड़ उमड़ी और मां को प्रसन्न कर अपने लिए वरदाना मांगा।