रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । जालौन नगर के रामलीला भवन में चल रहे 176वें श्रीराम लीला महोत्सव में सीता विदाई से राम वनवास तक की लीला का मंचन किया गया। राम वनवास की लीला देख राम भक्त भाव-विभोर हो गए।
रामलीला महोत्सव में सातवें दिन माता सीता का अपने माता-पिता, सगे-संबंधी, भाई-बंधु से बिछड़ने की लीला का मनोहारी प्रस्तुति देख सभी आकुल हो गए। राम परिवार का फूलों की वर्षा कर स्वागत किया गया। माता सीता के अयोध्या पहुंचने पर बधाई गीत गाए गए। मंच पर राजा दशरथ भगवान श्रीराम को युवराज घोषित करते हैं तो मंथरा के भड़काने पर कैकई कोप भवन में चली जाती हैं। राजा दशरथ के मनाने पर वह भरत को राजगद्दी व श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास का वरदान मांगती है। इसका पता चलने पर भगवान श्रीराम सीता जी व लक्ष्मण के साथ वनवास चले जाते हैं। भगवान श्रीराम व अयोध्या के महाराज दशरथ के संवाद को सुनकर दर्शकों की आंखें नम हो गई और पंडाल में कुछ देर के लिए खामोशी छा गई। लीला मंचन में भगवान श्रीराम के रूप में संतोष दुबे, माता जानकी के रूप में रामदूत तिवारी, लक्ष्मण गणेश दुबे, राजा दशरथ रमेशचंद्र दुबे, वशिष्ठ उमेश दुबे, कैकेयी तितली रानी का अभिनय दर्शकों को खूब भाया। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष शशिकांत द्विवेदी, मंत्री पवन चतुर्वेदी, निदेशक प्रयाग गुरु, मंगल चतुर्वेदी, राजकुमार, गुड्डन सक्सेना ने लीला का सफल आयोजन करने में सहयोग किया।
