(एस एम अरशद / दिव्य नौटियाल )
लोकसभा चुनाव का नतीजा आ गया है। मोदी लहर नजर नहीं आई। इतना ही नहीं मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे की भी हवा निकल गई। इस चुनाव में उम्मीद के मुताबिक मोदी प्रदर्शन नहीं कर सके। इसके अलावा राम मंदिर का भी सियासी फायदा भी मोदी सरकार को नहीं मिल सका। इसका नतीजा ये हुआ कि बीजेपी को अकेले बहुमत नहीं मिल सका और सिर्फ 240 सीट जीत सकी और बहुमत से काफी दूर है। हालांकि मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आ रही है क्योंकि सहयोगियों के सहारे एनडीए को 292 सीटें मिली है और ऐसे में तीसरी बार लगातार मोदी सरकार की ताजपोशी होने जा रही है। मोदी की तीसरी इनिंग उतनी अच्छी नहीं होगी। मोदी अब खुलकर राजनीतिक पिच पर बल्लेबाजी नहीं कर सकेंगे। दरअसल उनकी पार्टी बीजेपी को बहुमत नहीं मिल सका है और वो दूसरे के सहारे सरकार को चला सके। इस वजह से मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल काफी दबाव भरा हो सकता है। वो खुलकर पहले जैसा शायद ही फैसले सके। अगर एनडीए के कुनबे पर नजर दौड़ाएं तो नीतीश कुमार अगर पलटी मारते हैं और साथ टीडीपी भी बीजेपी से अपना हाथ खींच लेती है तो मोदी को तीसरी इनिंग में जल्दी आउट होने का खतरा बना रहेगा। इस वजह से मोदी फूंक-फूंक कर तीसरी इनिंग में बल्लेबाजी करनी होगी।