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नवरात्रि का पांचवा दिन : मन्दिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़,किये माँ के दर्शन

Fifth day of Navratri: Crowd of devotees gathered in temples, had darshan of Mother Goddess.

Jalaun news today । आदिशक्ति मां दुर्गा की आराधना के पर्व नवरात्र के पांचवें दिन देवी मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। पंचमी के दिन मां स्कंद माता की विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई। नगर व क्षेत्र के देवी मंदिरों में भक्तों ने ब्रह्ममुहूर्त में ही मंदिर पहुंचकर मां को जल चढ़ाया एवं दर्शन किए।
नवरात्र में मां भगवती की आराधना का विशेष महत्व है। नगर व क्षेत्र के देवी मंदिरों में नवरात्र की हर तिथि को खास बनाया जा रहा है। पंचमी तिथि पर नगर के देवी मंदिर में माता का विशेष श्रृंगार किया गया। चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन देवी मंदिरों में मां स्कंद माता की पूजा अर्चना की गई। ब्रह्ममुहूर्त में ही देवी मंदिरों पर भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया। भक्तों ने स्कंदमाता को नारंगी रंग की पोशाक धारण कराई गई और माता रानी को केले का भोग लगाया गया।

इसके अलावा पान, सुपारी, चुनरी और नारियल आदि भी चढ़ाए। इस दौरान देवी मां के जयकारों से मंदिर गूंज उठे। पंडित देवेंद्र दीक्षित बताते हैं कि देवी मां का पाचवां स्वरूप स्कंदमाता के नाम से विख्यात है। स्कंदमाता को सृष्टि की पहली प्रसूता स्त्री माना जाता है। ताड़कासुर का वध करने के लिए देवी पार्वती व शंकरजी ने विवाह किया। उनसे कार्तिकेय उत्पन्न हुए और उन्होंने ताड़कासुर का अंत किया। भगवान स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। उसके अलावा ये शक्ति की भी दाता हैं। सफलता के लिए शक्ति का संचय और सृजन की क्षमता दोनों का होना जरूरी है। माता का ये रूप यही सिखाता है और प्रदान भी करता है। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज और कांतिमय हो जाता है।

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