Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

जालौन में आयोजित उर्स में नामी कब्बालों ने पेश की कब्बाली,,जमकर झूमे जायरीन

Jalaun news today ।जालौन नगर में हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल इंसानियत के सूफी बुजुर्ग हजरत सूफ़ी लतीफ शाह उर्फ काले बाबा रह. अलैहि के एक रोजा 11वें उर्स में समां बंधा रहा। जायरीन जहां कब्बालों द्वारा पेश कलामों की गहराइयों में खोकर झूमते रहे। वहीं कुल शरीफ की फातिहा के दौरान वे अपने आंसू भी नहीं रोक सके। जायरीन रात भर अकीदत का नजराना पेश करते रहे।
हजरत सूफ़ी लतीफ शाह उर्फ काले बाबा के एक रोजा उर्स में भारी भीड़ उमड़ी। बाबा की दरगाह पर हाजिरी देने वालों का तांता लगा रहा। फातिहा ख्वानी के साथ दरुदो सलाम को पेश किया गया। महफिले शमां की शुरूआत कुरान पाक की आयत पढ़कर मौलाना साबिर शाह ने की। जिसके बाद कब्बाली का शानदार मुकाबला चांद कादरी और गुलाम वारिस के बीच शुरू हुआ। दोनों ही कब्बाालो ने अपने बेहतरीन कलामों का मुजाहरा किया। जिनकों सुनकर श्रोता झूमने पर मजबूर हो गए। मुकाबले की शुरूआत कब्बाल चांद कादरी ने कौमी एकता पर तंज कसते हुये पढ़ा कि लहू अपना दे दूं चमन के लिए, मेरी जान जाए वतन के लिए, मेरा दिल जिगर और मेरी जान भी, हो कुर्बान गंगो चमन के लिए। तों जबाबी मुकाबले में गुलाम वारिस भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने भी कौमी एकता पर तंज कसते हुए पढ़ा कि नफ़रत मिटा के दिल से तुम कर दो -ये-एलान, हाथों से न छोड़ेंगे-चाहे गीता हो या कुरान। इस बेजोड़ मुकाबले को सुनने के लिए लोग अपनी अपनी जगह पर डटे रहे और अपनी फरमाइश के मुताबिक कलाम सुनते रहे। इस बीच वह रूहानी मंजर आया जब अकीदतमंदों की आंखों से आंसुओं का सैलाब वह उठा। बाबा की कुल शरीफ की फातिहा के दौरान लोग भावुक हो उठे। जायरीनों के लिए जगह-जगह लंगर के आयोजन किए गए। जिसमें जमकर लोगों ने लंगर को छका। कार्यक्रम का संचालन पप्पू थापा ने किया। इस मौके पर शादाब अली, आफताफ अली, पूर्व चेयरमैन शकीला किन्नर मोठ, चेयरमैन प्रतिनिधि पुनीत मित्तल, कमेटी अध्यक्ष दीपू त्रिपाठी, चीफ कंट्रोलर जाकिर सिद्दीकी, इस दौरान सैयद सरबर अली, अफ़रोज शाह, बबलू बाबा, हासिम बरकाती, इमरान बरकाती, गुलाम अली उर्फ भूरे, राज मंसूरी, रीना देवी, नफीस मेंबर, तौफीक सलमानी, सादिक अली, सूफी फीरोज बाबा, मोहम्मद इकबाल बल्लू, संजय राठौर, दयाशंकर आदि मौजूद रहे।

Leave a Comment