UP news today : समाजवादी पार्टी के महासचिव रहे पूर्व सांसद सलीम शेरवानी ने आज पार्टी से स्तीफा दे दिया है। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजे गए अपने इस्तीफे के पत्र में लिखा कि वह मुस्लिमों के रहनुमा हैं और उन्हें राज्यसभा न भेजकर मुसलमानों की भावनाओं को आहत किया है इस कारण वह इस्तीफा दे रहे हैं। सपा के महासचिव द्वारा भेजे गए इस इस्तीफे के पत्र पत्र पर पूर्व मंत्री याशर शाह ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सलीम शेरवानी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने शोसल साइट्स x पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वह जानते हैं कि आप कितने बड़े मुसलमानों के रहनुमा हैं। उन्होंने लिखा कि उनकी माँ उनके साथ ही सांसद रही हैं और उनके पिताजी भी उनके अच्छे दोस्त थे इसके बाद भी एक बार भी माँ के निधन के बाद मिलना तो बड़ी बात उन्होंने फोन करना भी जरूरी नहीं समझा। फिलहाल पूर्व मंत्री द्वारा x पर की गई इस प्रतिक्रिया की पोस्ट शोसल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। आप भी पढ़िये उन्होंने जो लिखा
जनाब सलीम शेरवानी साहब,
मेरी वालिदा मरहूम रबाब सैयदा साहिबा का इंतेक़ाल ६ फ़रवरी को हो गया।
आपके ही साथ सांसद थी और जम्मू कश्मीर को छोड़ दें तो पूरे भारत की अकेली मुस्लिम महिला सांसद थीं आपकी ही पार्टी से सांसद थीं और मेरे वालिद साहब भी आपके अच्छे दोस्तों में थे।
बहुत उम्मीद थी के आप उनकी ताज़ियत के लिये फ़ोन तो करेंगे कम से कम लेकिन आपने तो खबर ही नहीं ली थोड़ा अफ़सोस हुआ।
आप जैसे मुस्लिम परस्त रहनुमा को अपनों को बुरे वक़्त में याद कर लेना चाहिए आख़िर मुसलमान तो हम भी हैं।
आज जब आपका ये ख़त देखा तो एहसास हुआ आपके अंदर मुसलमानों के लिए हमदर्दी तो दुर्रे से कूट कूट कर भरी है बहुत अच्छा लगा सारा ग़म दूर हो गया।
ऐसे ही क़ौम की हमदर्दी की हवा पानी बनाये रहिए लोग समझेंगे आपने मुसलमानों के लिए क़ुर्बानी दे दी कोई ना कोई एडजस्ट कर लेगा आपको कहीं ना कहीं।
आप जब कुछ बन जायें तो मुसलमानों के हक़ की लड़ाई लड़ें हम बिना कुछ बने ही लड़ लेंगे।
पत्र भेजकर दिया इस्तीफा
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के कई बार सांसद रहे सलीम शेरवानी ने आज अपने पद से इस्तीफा देते हुए पार्टी से पीडीए की अवहेलना का आरोप लगाया है। पढ़िये उन्होंने जो इस्तीफा पत्र लिखा है।