तरह तरफ के अद्भुत सिक्के देखकर अचंभित हुए बिना नहीं रह सके दर्शक,,

भारतीय सनातन संस्कृति में तो वसुधैव कुटुम्बकम की मान्यताःडा.पुरवार

पक्षी वीथिका में विश्व भर के लगभग 106 विभिन्न प्रकार के सिक्के तथा लगभग 230 प्रकार के अलग अलग डाक टिकट प्रदर्शित किये

(ब्यूरो रिपोर्ट )

Orai / jalaun news today । जालौन जनपद में मई माह के द्वितीय शनिवार को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाया जाता है। इसी उपलक्ष्य में इन्टैक उरई अध्याय तथा संस्कार भारती जालौन की प्राच्य विधा के अंतर्गत एक पक्षी वीथिका चूड़ी वाली गली स्थित संध्या पुरवार के निज निवास पर लगाई गई।
इस वीथिका का शुभारम्भ भारतीय जनता पार्टी के कानपुर बुन्देलखण्ड क्षेत्र के क्षेत्रीय संयोजक तथा अवस्थी ग्रुप आफ कालेज के चेयरमैन डा. भास्कर अवस्थी ने श्री गणेश पूजन कर किया। डा. अवस्थी ने कहा कि पक्षीगण हमारे प्राकृतिक वातावरण को प्रदूषण से मुक्त करने में बहुत सहायक होते हैं अतः इनका संरक्षण अत्यन्त महत्वपूर्ण है। वीथिका अवलोकन के समय उन्होंने कहा कि पक्षियों से संबंधित इतने विशाल संग्रह को देखकर मैं आश्चयर्चकित हूं। इस पक्षी वीथिका में विश्वभर के लगभग 106 विभिन्न प्रकार के सिक्के तथा लगभग 230 प्रकार के अलग अलग डाक टिकट प्रदर्शित किये गये। इस वीथिका में माॅ लक्ष्मी के वाहन उल्लू के आकार का मंगोलिया देश का सिक्का, अमेरिका के उल्लू आकृति से युक्त टोटम पिलर आकार का सिक्का, कुक आईलैण्ड का पैनगुईन पक्षी आकार का सिक्का अरमानिया का फ्लाइंग ड्रैगन के चित्र से युक्त पोटर्लों, रजतीय सिक्का आदि के साथ न्यूजीलैंड का कीवी पक्षी के आकार का छिद्र युक्त सिक्का, मंगोलिया का उड़ते हुये पक्षी के आकार का छिद्र युक्त सिक्का आदि मन को आनन्दित करने वाले सिक्का हैं। अपने भारत देश के दक्षिण भारतीय रियासतों के चौदहवीं से लेकर सोलहवीं शताब्दियों के मध्य के वे सिक्के भी प्रदशिर्त किये गये जिनपर गरुड़ के चित्र अंकित हैं। भारतीय डाक विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश के पक्षियों के पोस्ट काडर््स अत्यन्त मनमोहक लग रहे थे। वीथिका में पक्षियों के आकार के कुछ दुर्लभ शंखों का भी प्रदर्शन किया गया। वर्मा, जापान कुक आईलैण्ड, पलाऊ आदि देशों के मोर के चित्र से युक्त रंगीन अपरिचालित मुद्राएं स्वमेव आकषर्णीय हैं। वीथिका संयोजक डा. हरी मोहन पुरवार ने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति में तो वसुधैव कुटुम्बकम की मान्यता है, उस दृष्टि से भी पक्षियों का संरक्षण अति आवश्यक है। वीथिका में प्रदशिर्त समस्त सामग्री सन्ध्या पुरवार व डा. हरी मोहन पुरवार के निजी संग्रह से प्रस्तुत की गई। इस वीथिका में संस्कार भारती जालौन की मंत्री अमृता सक्सेना, प्रियंका अग्रवाल, प्रदीप पाटकर, राकेशजी आदि का विशेष योगदान रहा। कायर्क्रम के अंतगर्त में मुख्य अतिथि डा. भास्कर अवस्थी को अंग वस्त्र ओढ़ाकर स्मृति चिन्ह भेंट किया।

Leave a Comment