शनि अमावस्या पर 14 साल बाद बने हैं ये दुर्लभ संयोग, बहुत कारगर हैं इस दिन किए जाने वाले ये खास उपाय

(Bne)

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में अमावस्या का काफी महत्व होता है। इस दिन गंगास्नान, दान , पूजा-पाठ और पितरों का तर्पण आदि करने से काफी पुण्य और आशीर्वाद मिलता है। भाद्रपद माह में ये तिथि आज, शनिवार यानी 27 अगस्त को पड़ी रही है। शनिवार के दिन पड़ने की वजह से इसे इस बार शनिश्चरी अमावस्या के रूप में मनाया जा रहा है। इसलिए इस बार की अमावस्या को भगवान शनिदेव की पूजा की जाएगी। कहा जा रहा है कि ये दुर्लभ संयोग 14 वर्षों के बाद बन रहा है, जब भाद्रपद माह में शनिवार के दिन अमावस्या पड़ रही है। शनिवार को अमावस्या पड़ने की वजह से ये दिन काफी खास है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से शनिदोष से परेशान व्यक्ति को काफी फायदा पहुंचता है। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो लाभकारी उपाय… ज्योतिषाचार्यों की माने तो भाद्रपद माह में शनि अमावस्या का पड़ना बहुत ही दुर्लभ संयोग माना जाता है जो 14 वर्षों के बाद इस बार बना है। इस खास अमावस्या के दिन शिवयोग, सिद्ध योग, और पद्मा योग बन रहे है। इसके अलावा, शनि अवास्या की तिथि पर चार ग्रह अपनी ही राशि में रहने वाले हैं। सूर्य सिंह राशि में, बुध कन्या राशि मे, गुरु स्वराशि मीन में और शनि मकर राशि में मौजूद हैं। शनि अमावस्या के दिन भगवान शनि देव की पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से पूजा करने से श्री शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण करने से पुण्य का पूरा लाभ मिलता है। धनु, मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती की छाया होने के कारण इन राशि के लोगों के लिए ये काफी खास है। साथ ही मिथुन और तुला राशि पर ढैय्या का प्रभाव है। ऐसे में शनिदेव की पूजा करने इन राशि के लोगों को काफी लाभ मिलेगा। पर विशेष प्रभाव पड़ेगा।
शनि अमावस्या के विशेष उपाय

  1. शनि अमावस्या पर पूजा करते समय उनके दिव्य मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जाप करने से शनिदोष से मुक्ति मिलती है।
  2. भगवान शिव को शनिदेव का आराध्य माना जाता है। इसलिए इस दिन शिवजी पर काले तिल मिले हुए जल से अभिषेक करना काफी अच्छा माना जाता है।
  3. शनि अमावस्या पर भगवान शनिदेव का व्रत रखने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
  4. इस दिन गरीबों की मदद करने से जीवन की परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
  5. इसके अलावा, इस दिन हनुमान जी की पूजा करना भी काफी अच्छा होता है। इससे श्री हनुमान के साथ शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।
  6. शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर जल, तिल अर्पित करके सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

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