(रिपोर्ट – बबलू सेंगर)
Jalaun news today । जालौन नगर के तहसील परिसर में जलापूर्ति के लिए पानी की टंकी के साथ ही पानी की आपूर्ति के लिए ट्यूबवेल लगाया गया था। तकरीबन डेढ़ करोड़ की लागत से बनी पानी की टंकी व ट्यूबवेल से अभी तक तहसील परिसर में जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई है। हालत यह है कि टंकी अब खराब भी होने लगी है। सरकारी धन खर्च होने के बाद भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
तहसील के नये भवन निर्माण का निर्माण वर्ष 2009 से 2011 के बीच कराया गया था। तहसील भवन के निर्माण के समय एसडीएम कार्यालय के बगल में परिसर में जलापूर्ति के लिए पानी की टंकी बनाई गई थी और उसको भरने के लिए ट्यूबवेल भी लगाया गया था। तकरीबन डेढ़ करोड़ की लागत से पानी की टंकी व ट्यूबवेल का निर्माण कराया गया था। ट्यूबवेल की बोरिंग के बाद ठेकेदार ने पंप चलाने के लिए मोटर नहीं डाली थी। इसके अलावा टंकी को भरने के टंकी में 3 इंच के पाइप की फिटिंग की गयी थी जबकि ट्यूबवेल से टंकी भरने के लिए मात्र डेढ़ इंच के पाइप को लगाया गया था। तहसील का काम पूरा काम न होने के बाद भी वर्ष 2010 में तत्कालीन एसडीएम दिवाकर सिंह ने तहसील भवन को हैंडओवर कर लिया था। तहसील भवन को हैंडओवर हुए 13 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन आज तक जलापूर्ति के लिए बनी पानी की टंकी में ट्यूबवेल से पानी भरकर जलापूर्ति नहीं हो सकी हैं। पानी की सप्लाई के लगाई गए नल आज भी पानी की बाट जोह रहे हैं। ट्यूबवेल की बोरिंग में सबमर्सिबल पंप डालकर काम चलाया जा रहा है। लेकिन क्षमता अधिक न होने के चलीते सबमर्सिबल पंप भी टंकी को भरने में सक्षम नहीं है। ऐसे में तहसील में हैंडपंप के सहारे काम चलाया जा रहा है। हालांकि तहसील परिसर में हाल ही में ट्यूबवेल के लिए एक और बोरिंग करा दी गई है। अब इससे सप्लाई कब शुरू होगी यह देखना होगा। इस बारे में एसडीएम अतुल कुमार ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है वह पता करके नियमानुसार कार्यवाही करेगें।