(अनिल मौर्या)
विश्व के अलग अलग देशो में स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियों का समय अलग- अलग होता है, जैसे आयरलैंड,इटली और रूस में सामान्यतः 3 माह का होता है, जबकि ब्रिटेन,जर्मनी में 6 से 8 सप्ताह का और भारत में गर्मियों की छुट्टियाँ आमतौर पर 5 से 6 सप्ताह का होता है, बच्चों के लिए ग्रीष्मकालीन छुट्टियाँ आराम करने,पढाई में पीछे छूटे हुए कार्यों को पूरा करने या परिवार या रिश्तेदारों के साथ समय बिताने का समय होता है | गर्मियों की छुट्टी प्रत्येक देश के पर्यटन सेक्टर में गजब का असर लाती है जिसमे फ्लाइट, होटल और टूरिस्ट प्लेसेज की जगहों की कीमतों में काफी उछाल आता है और बहुत से लोगो के रोजगार का जरिया बनता है |गर्मियों की छुट्टियों के बाद जब स्कूलों के दरवाजे पुनः खुलते हैं, तो एक नई शुरुआत की उमंग सभी के चेहरे पर दिखाई देती है| पुरे भारत में स्कूलों का पुनः खुलना बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए उत्साहपूर्ण माहौल लेकर आता हैं | छुट्टियों के बाद छात्र जब अपने स्कूल की तरफ लौटते हैं, तो वे एक नए उत्साह,अनुभव और ढेर सारी नई – नई जानकारियों के साथ अपने सहपाठियों से मिलते हैं और आपस में उसे साझा करते हैं | और नए सत्र में कुछ नया सिखने की प्रेरणा, ये सब छात्रों के लिए स्कूल का पहला दिन खास बनाते है | स्कूल में बच्चों के हंसने खेलने की आवाजें और उनके मन में उत्पन्न हो रही असीम सपनो की झलक स्कूल परिसर को जीवंत बना देती है | स्कूल का पहला दिन शिक्षकों के लिए भी ख़ुशी के क्षण लेकर आता हैं जिनसे वे स्कूलों में पढ़ाये जाने वाले पाठ्यक्रम को रोचक बनाने और छात्रों को शिक्षा के अनुशासन में लाने को तैयार होते है, शिक्षकों का उद्देश्य होता है की वे बच्चों के सर्वांगीड़ विकास पर विशेष ध्यान दें| गर्मियों के छुट्टियों के बाद स्कूलों में विभिन्न प्रकार के खेलकूद की गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, जो की पढाई के साथ -2 छात्रों के शारीरिक और मानसिक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देती हैं |
कई स्कूलों में छात्रों के लिए हैप्पीनेस क्लासेज की शुरुआत की जाती हैं, साथ ही उनकी कैरियर काउन्सलिंग भी होती है ताकि छात्र अपने मन मुताबिक क्षेत्र में पढाई कर सके, स्कूलों को चाहिए की वे स्कूल में आने वाले बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा उन्हें विभिन्न सांस्कृतिक और पर्यावरण से सम्बंधित ज्ञान से रूबरू कराएं |
स्कूल का पहला दिन, नए सपनो और उम्मीदों के साथ, शिक्षा के दीप जलाने और ज्ञान की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर होता है | छात्रों का उत्साह, शिक्षकों की तैयारी, एक ऐसे वातावरण का निर्माण करती है जो सभी के लिए लाभकारी और प्रेरणादायक होता है |
स्कूल खुलने से पहले कुछ बिंदुओं के बारे में स्कूल प्रशासन को जांच करना चाहिए –
1-क्लासरूम, शौचालय, कॉमन एरिया, पीने के पानी की टंकी और कैफ़ेटेरिआ अच्छी तरह से साफ हो |
2-स्कूल में लगे फायर एक्सिस्ट और फर्स्ट ऐड बॉक्स की अच्छी तरह से जांच हो |
3-बच्चों और अभिभावकों के लिए स्कूल में एक आपातकालीन नंबर की व्यवस्था सुनिश्ति हो |
4-बच्चों को ले जाने वाली बसों की स्कूल खुलने से पहले सभी कलपुर्जों की अच्छे से जांच हो |

(लेखक – अनिल कुमार मौर्या
एसोसिएट प्रोग्राम – निसा एजुकेशन)
