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आजमगढ़. सपा और सुभासपा के बीच खाई लगातार बढ़ती जा रही है। कल तक अखिलेश यादव को पार्टी बचाने के लिए एसी से बाहर निकलने का सुझाव देने वाले ओमप्रकाश राजभर अब अपनी पार्टी में टूट के लिए सीधे तौर पर सपा मुखिया अखिलेश यादव को जिम्मेदार बता रहे हैं। ओमप्रकाश का दावा है कि अखिलेश यादव पैसा और टिकट का लालच देकर उनकी पार्टी को तोड़ रहे हैं। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि यह अखिलेश की समुद्र से दो बाल्टी पानी निकालने जैसी हरकत है। इससे सुभासपा पर फर्क नहीं पड़ने वाला है। इस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव को दुनिया का सबसे बड़ा धोखेबाज करार दिया। बता दें कि सपा और सुभासपा का गठबंधन टूटने के बाद से ही ओमप्रकाश की पार्टी में भगदड़ मची है। एक महीनें में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहित करीब 300 नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। कहीं न कहीं सपा से उनकी नजदीकी भी सामने आयी है। इसके बाद से ही ओमप्रकाश राजभर पार्टी में टूट के लिए सीधे तौर पर सपा मुखिया अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराने लगे हैं। राजभर ने दावा किया है कि अखिलेश यादव उनकी पार्टी के नेताओं को तोड़ रहे हैं। नेताओं को पैसा, गाड़ी और टिकट का लालच दिया जा रहा है। ओपी राजभर ने कहा कि हम पिछड़ों की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमें रास्ते से भटकाने के लिए ये नुकसान किया जा रहा है। सपा चार बार सरकार में थी, तब पिछड़ी जातियों को कितने सिपाही बनाए थे। सौ फिसदी सपा इस टूट के पीछे है। अखिलेश यादव सुभासपा की बढ़ती हुई लोकप्रियता से परेशान है। इसका मैं सबूत दूंगा कि अखिलेश ने अपने नौ रत्नों में दो रत्न राजीव राय और उदवीर सिंह को सुभासपा को तोड़ने के लिए लगाया है। जो अपना बूथ नहीं जीता सके, वे हमारा मुकाबला करने आए हैं। वे लोग अपनी-अपनी पार्टी बचा लें। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव अगर अपने रत्न को भेंज कर समुद्र में से दो बाल्टी पानी निकाल लें तो क्या कम होगा। हमारे यहां से जो लोग गए हैं वो अखिलेश यादव से मिले हैं। अखिलेश यादव जैसा धोखेबाज कोई नहीं है। मेरे साथ उन्होंने धोखा किया है। चार महीना दौड़ाया और केवल 12 सीट दी थी। मैं अखिलेश यादव को उनकी हैसियत बता दूंगा। जब लोमड़ी अंगूर नहीं पाती तो कहती है खट्टे हैं। जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं ये लड़ाई महात्मा गौतम बुद्ध और ज्योतिबा फुले की है। जब इस देश में वर्ण व्यवस्था बनी तो चार वर्ग आया था। इसमें पिछड़ों को शिक्षा नहीं देने की बात कही गई। ये कौन पिछड़े थे। इस पिछड़ों की लड़ाई को लेकर अपनी लड़ाई शुरू की थी। हमारी लड़ाई जारी रहेगी। अखिलेश यादव को आने वाले चुनाव में उनकी हैसियत का अंदाजा हो जाएगा।