(रिपोर्ट – बबलू सेंगर)
Jalaun news today । जालौन नगर के रामलीला भवन में चल रहे 175वें श्रीरामलीला महोत्सव में रामलीला रंगमंच पर मनु शतरूपा व भगवान श्रीराम जन्म लीला का मनोहारी मंचन किया गया।
रामलीला के मंचन में रावण अपने अनुजों कुंभकर्ण और विभीषण के साथ ब्रह्मा की तपस्या में लीन है, उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा उन्हें वरदान देते हैं जिसमें रावण अजेयता और विभीषण भगवद्भक्ति का वरदान प्राप्त कर लेते हैं। जबकि वाग्देवी सरस्वती ने कुंभकर्ण की मति भ्रमित कर उसके मुख से इंद्रासन की बजाय निंद्रासन कहलवा दिया, फलस्वरूप मांगे गये वरदान देकर ब्रह्मा अंतर्ध्यान हो जाते हैं। फिर बढता है रावण का पापाचार, अधर्म के चारों ओर पैर पसारने से त्रस्त पृथ्वी गोवेश में बैकुंठ जाकर भगवान विष्णु से प्रार्थना करती है कि उसे रावण के पापाचार से अवमुक्त करें। भगवान विष्णु स्वयं राम रूप में और अपने अंशों से भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के रूपों में अयोध्या नरेश दशरथ के यहां प्रकट होते हैं। कार्यक्रम में रामजी के रूप में विवेक मिश्रा, लक्ष्मण के रूप में केके शुक्ला , श्याम भोला, रमेश दुबे ने मनोहारी मंचन किया। नृत्यकार रेखारानी, साहिल व रामप्रकाश ने नृत्य के माध्यम से तो टिल्लू मस्ताना व बबलू दीवाना ने व्यंग्य के माध्यम से उपस्थित दर्शकों का मनोरंजन किया। व्यास के रूप में मनोज व्यास, ढोलक पर जीवन, नक्काड़ा पर चंद्रपाल ने जलवा बिखेरा। अन्य व्यवस्थाओं में पवन चतुर्वेदी, गुड्डन सक्सेना व राजकुमार मिझौना ने सहयोग किया।