Jalaun news today । संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है। यह क्षेत्रीय ग्राम नैनपुरा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन कथा व्यास अजयदेव शास्त्री ने कही। इस दौरान सुदामा चरित की कथा का भी वर्णन किया गया।
नैनपुरा में स्थित श्री शिव माता मंदिर में वृंदावन धाम से पधारे कथा व्यास अजयदेव शास्त्री ने श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन सुदामा चरित की कथा का वर्णन किया गया। कथा व्यास ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सदा अपने नेत्र, श्रवण और वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। क्योंकि जैसा हम सुनते हैं, देखते हैं, ठीक वैसा ही आचरण करते हैं। ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप क्या देख रहे हैं, क्या सुन रहे हैं। देखना और सुनना अगर सुधरा हुआ हो, अच्छा हो तो व्यक्ति कभी गलत रास्ते पर नहीं जाएगा। जो उचित हो हमेशा वहीं देखो और सुनो। भगवान के नाम का आश्रय लो, सत्संग करो, वहीं हमारे साथ जाएगा। परमात्मा ही परम सत्य है। जब हमारा ध्यान परमात्मा में लगेगा तो संसार गायब हो जाएगा। इसलिए संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है। इस दौरान सुदामा चरित की कथा में कृष्ण और सुदामा की मित्रता का भी वर्णन किया गया। इस मौके पर इस मौके पर परीक्षित मीना दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव,शशिलता सुरेश, सरिता मुकेश, रंजना, कौमी, आराधना विकास भारती, राजेश, पवन, अंकित, प्रशांत, वैशाली, आदर्श, रानो, तरंग, विनय, रितिक, शशांक, हिमांक, आशीष आदित्य, शौर्य, शिवम, मयंक, गांधी, कल्पना, तृप्ति, समेत बड़ी संख्या में भक्तों ने कथा का आनंद लिया।