Jalaun news today । चैत्र नवरात्र के चौथे दिन देवी मां के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की गई। सुबह से लेकर देर शाम तक मंदिरों में माता के जयकारे गूंजते रहे। श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में शीश नवाकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
मां भगवती की आराधना के पावन पर्व पर मां दुर्गा के चौथे स्वरूप कूष्मांडा देवी की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई। मंदिरों और घरों में सुबह से लेकर देर शाम तक देवी भक्तों की भीड़ रही। घरों में मां का पूजन और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। घरों में पूजा करने के बाद मंदिरों में भी भक्तों ने मत्था टेक मां की अराधना की। सुबह से ही छोटी माता मंदिर, बड़ी माता मंदिर, कामाख्या देवी मंदिर समेत सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। पंडित देवेंद्र दीक्षित बताते हैं मान्यता है कि मां कूष्माण्डा अपनी हंसी से सम्पूर्ण ब्रह्मांड को उत्पन्न करती हैं। इस कारण इनको कूष्माण्डा देवी के नाम से भी जाना जाता है। मां अपने भक्तों को रोग, शोक और विनाश से मुक्त करके आयु, यश, बल और बुद्धि प्रदान करती हैं। नवरात्र में भक्त उपवास रखकर व दुर्गा सप्तशती पाठ कर मां को प्रसन्न करते हैं।
नवरात्र के चौथे दिन भक्तों ने की माँ कुष्मांडा की पूजा अर्चना,,,
Devotees worshiped Goddess Kushmanda on the fourth day of Navratri.
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