उत्तर प्रदेश में शिक्षा क्रांति: 1.26 लाख वंचित बच्चों को मिला निजी स्कूलों में दाखिला

  • आरटीई के तहत 1.85 लाख से अधिक सीटें आवंटित, 1.26 लाख बच्चों का नामांकन पूर्ण
  • बस्ती, ललितपुर और फिरोजाबाद जैसे जिलों ने किया शानदार प्रदर्शन
  • सरकार की पहल से गरीब परिवारों को मिला नई उम्मीदों का संबल
  • आरटीई के तहत ऐतिहासिक उपलब्धि

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने शिक्षा को सामाजिक न्याय और समान अवसर का माध्यम बनाते हुए एक अहम मुकाम हासिल किया है। ‘शिक्षा सबका अधिकार’ को साकार करते हुए, सरकार ने अब तक 1,26,293 वंचित बच्चों का निःशुल्क दाखिला निजी स्कूलों में सुनिश्चित किया है। यह 1,85,675 आवंटित सीटों का 68% है, जो जमीनी स्तर पर प्रभावशाली क्रियान्वयन की पुष्टि करता है।

सीएम योगी की सोच बनी नींव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार दोहराया है कि गरीब का बच्चा भी डॉक्टर, इंजीनियर या अफसर बन सके, इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। आज यह सोच आरटीई के माध्यम से मूर्त रूप ले रही है। यह सिर्फ शिक्षा नहीं, बल्कि स्वावलंबन और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है।

रिकॉर्ड संख्या में मिले आवेदन
इस योजना के तहत चार चरणों में कुल 3,34,953 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 2,52,269 आवेदन स्वीकृत किए गए, यानी 75 प्रतिशत स्वीकृति दर। तत्पश्चात 1,85,675 बच्चों को स्कूल आवंटित किए गए और अब तक 1.26 लाख से अधिक बच्चों का वास्तविक नामांकन पूरा हो चुका है।

शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल हो रहे वंचित वर्ग
यह प्रक्रिया न सिर्फ पारदर्शी रही, बल्कि तकनीकी रूप से सशक्त और जवाबदेह भी रही। इस अभियान ने शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त किया है, जो आने वाले वर्षों में राज्य के सामाजिक-आर्थिक ढांचे को मजबूती देगा।

उम्मीदों का उजाला: जिलों का प्रदर्शन और सरकार की प्रतिक्रिया
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के अनुसार यह सिर्फ संख्या नहीं, गरीबों के सपनों में उम्मीद की लौ है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में हम शिक्षा को समानता और न्याय का आधार बना रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि हर बच्चा, चाहे किसी भी पृष्ठभूमि से हो, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकारी बने।

जिलों की शानदार भागीदारी
उत्तर प्रदेश के कई जिलों ने इस अभियान में अद्वितीय प्रदर्शन किया है। शीर्ष 10 जिलों की सूची इस प्रकार है:

बस्ती- 94 प्रतिशत
ललितपुर, फिरोजाबाद- 93 प्रतिशत
बलरामपुर, प्रतापगढ़- 92 प्रतिशत
श्रावस्ती, हरदोई- 91 प्रतिशत
एटा, देवरिया, जौनपुर- 88 प्रतिशत
इन जिलों में स्थानीय प्रशासन की तत्परता, शिक्षा विभाग की निगरानी, और जनसहयोग के चलते यह सफलता प्राप्त हुई।

शिक्षा के जरिए सामाजिक बदलाव की बुनियाद
योगी सरकार की यह पहल केवल दाखिला भर नहीं, बल्कि लाखों परिवारों के भविष्य की दिशा बदलने वाली है। इससे जहां वंचित बच्चों को बराबरी का अवसर मिला है, वहीं यह योजना सशक्त उत्तर प्रदेश के निर्माण में मील का पत्थर साबित हो रही है।

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