Jalaun news today । जालौन ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम उदोतपुरा में बाएफ व एचडीएफसी बैंक के सहयोग से एक दिवसीय किसान पशुपालक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पशुओं को पालने के तरीकों और उनके चारे पानी के बारे में किसानों को जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में आगरा से आए बाएफ के तकनीकी अधिकारी डॉ. उमेशचंद्र शर्मा ने कहा कि पशुपालक अपने पशुओं का नियमिति टीकाकरण कराएं। जिससे पशु बीमारियों से दूर रहें। उन्होंने पशुप्रबंधन एवं नस्ल सुधार के बारे में भी जानकारी दी। हरे चारे को लेकर बताया कि हरे चारे में विटामिन ए और खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं। यह पशुओं को आसानी से पच जाता है और उनकी प्रजनन शक्ति के लिए भी ज़रूरी है। इससे पशु जल्दी गर्मी में आते हैं और दो ब्यातों के बीच का अंतर भी कम हो जाता है। एक वयस्क गाय या भैंस को रोज़ाना 15-20 किलो हरा चारा चाहिए। बाएफ के जनपद प्रभारी प्रदीप कुमार निरंजन ने बताया कि आमतौर पर पशुपालक खीस (नवजात पशु की मां का पहला दूध) को नवजात बछड़े को न देकर अपने परिवार के बच्चों व पड़ोस में बांट देते हैं, क्योंकि पशुपालक ऐसा सोचते हैं कि गाय का पहला दूध अथवा खीस बहुत भारी होता है और नवजात इसको पचा नहीं पाएंगे। जबकि नवजात बछड़े-बछियों के पालन पोषण में सबसे महत्वपूर्ण खीस है। बताया कि जन्म के तुंरत बाद नवजातों में रोगों से लड़ने की क्षमता बिल्कुल न के बराबर होती है। ऐसे में बैक्टीरिया जनित रोग होने की संभावना बनी रहती है। खीस न मिलने से बछड़े-बछियों में रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास नहीं होता। वहीं मां के थन से पूरा दूध न निकलने से थनैला नाम का रोग होने की संभावना होती है। इसलिए नवजात को जन्म के चार घंटे के भीतर खीस पिलाना आवश्यक है। लेकिन यह भी ध्यान दें कि उन्हें एक बार में ज्यादा खीस न पिलाएं बल्कि थोड़ा थोड़ा कर पिलाएं। इस मौके पर संपी देवी, तारा देवी, राजकुमारी, नीलम सिंह, सोमवती, सुनीता, शकुंतला, अर्चना, कांति देवी, रेनू सिंह, रेखा, प्रेमा देवी, रामकली, केंद्र प्रभारी उरगांव दिनेश यादव आदि मौजूद रहे।