डीजीपी की रेस में एसएन साबत, रेणुका और प्रशांत कुमार भी शामिल
(राकेश यादव)
UP news today । प्रदेश को लगातार चौथा कार्यवाहक डीजीपी मिलने के आसार हैं। बुधवार को नए कार्यवाहक डीजीपी के नाम पर मोहर लगने की प्रबल संभावना है। नए डीजीपी के मुख्य दावेदारों में डीजी सीबीसीआईडी आनंद कुमार, डीजी कारागार एसएन साबत, डीजी भर्ती बोर्ड रेणुका मिश्रा और डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार शामिल हैं। प्रदेश सरकार ने आईपीएस की वरिष्ठता को ध्यान में रखकर नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया तो आनंद कुमार को मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
बता दें आपको 31 जनवरी (बुधवार) को डीजीपी विजय कुमार सेवानिवृत्त हो जाएंगे। विजय कुमार विजिलेंस के डीजी भी हैं। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद विजिलेंस को भी नया मुखिया मिलेगा। चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक तीन वर्ष से एक ही स्थान पर तैनात अधिकारियों को हटाया जाना है, जिसकी वजह से शीर्ष पदों पर तैनात कई आईपीएस अधिकारियों का तबादला होना तय माना जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग को पूर्णकालिक डीजीपी के चयन का प्रस्ताव नहीं भेजा है, जिसकी वजह से एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी बनाए जाने के आसार हैं। सरकार में नए कार्यवाहक डीजीपी के नाम के चयन के लिए मंथन जारी है। सूत्रों के मुताबिक अभी तक सरकार ने कार्यवाहक डीजीपी के नामों के चयन में वरिष्ठता को प्रमुखता दी है। यदि सरकार ने इस बार भी वरिष्ठता को प्रमुखता दी तो वरिष्ठता में मुकुल सिंघल और आनंद कुमार का नाम आता है। मुकुल सिंघल को डीजीपी बनाकर हटाया जा चुका है। इसलिए वरिष्ठता में आनंद कुमार को नए कार्यवाहक डीजीपी का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार अपने पसंदीदा अफसर को कार्यवाहक डीजीपी बना सकती है। इस समीकरण में वरिष्ठता सूची में 19वें स्थान पर आने वाले डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की दावेदारी को भी मजबूत बताया जा रहा है। इसके अलावा डीजी जेल एसएन साबत और डीजी भर्ती बोर्ड रेणुका मिश्र की दावेदारी भी कमजोर नहीं मानी जा रही है। हालांकि मुकुल गोयल के बाद आनंद कुमार सबसे वरिष्ठ होने की वजह से प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
तीसरे कार्यवाहक डीजीपी आज होंगे रिटायर
कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार के 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने से पहले देवेंद्र सिंह चौहान और राजकुमार विश्वकर्मा को लगातार कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा चुका है। बीते 21 माह से प्रदेश पुलिस को कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाना पड़ रहा है।