रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । जालौन क्षेत्र के सुढ़ार सालाबाद स्थित शिव शंभू धाम में चल रहे पहले नौ कुंडी शिवशक्ति महायज्ञ और सप्त दिवसीय देवी भागवत महापुराण के पांचवें दिन का आयोजन भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुआ। दिन में जहां कथा स्थल पर श्रद्धालु देवी भागवत कथा का अमृतपान करते नजर आए, वहीं रात्रि में राम वनवास, दशरथ मरण और भरत मिलाप की भावुक लीला ने दर्शकों को किया भाव-विभोर कर दिया।
पांचवें दिन भागवताचार्य अरविंद मिश्रा ने देवी की महिमा, भक्ति की शक्ति, तथा सती चरित्र और दुर्गा सप्तशती के प्रसंगों को विस्तार से श्रोताओं के समक्ष रखा। उन्होंने बताया कि किस प्रकार देवी शक्ति ने संसार की रक्षा के लिए अनेक रूप धारण किए और असुरों का विनाश किया। कहा कि जब जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब तब ईश्वर या देवी शक्ति किसी न किसी रूप में प्रकट होकर धर्म की पुनर्स्थापना करती हैं। कथा के दौरान सती के आत्मदाह, भगवान शंकर के तांडव और हिमालय के घर जन्मी पार्वती के तप का वर्णन कर वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया गया। रात्रि में आयोजित रामलीला मंचन में राम वनवास, दशरथ मरण, और भरत मिलाप के प्रसंगों का मंचन किया गया। राम के वनवास जाने पर अयोध्या का शोक, राजा दशरथ का वियोग में देह त्याग देना, और फिर भरत द्वारा राम की पादुका लेकर अयोध्या लौटना, इन दृश्यों ने उपस्थित दर्शकों की आंखें नम कर दीं। भरत मिलाप की लीला में जब भरत भगवान श्रीराम से मिलने चित्रकूट पहुंचे और उन्हें अयोध्या लौटने का आग्रह किया, तो मंचन में दर्शाए गए भाईचारे और त्याग की भावना ने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। डॉ. मिथलेश त्रिपाठी के निर्देशन में चल रहे नौ कुंडीय यज्ञ में ब्राह्मणों और श्रद्धालुओं ने आहुतियां दीं और विश्व शांति, समृद्धि व देश की उन्नति के लिए प्रार्थना की।