Jalaun news today । जालौन क्षेत्र में स्थित शनि धाम गूढ़ा न्यामतपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक पंडित रोहित रिछारिया ने श्रीकृष्ण बाल लीला, कालियामसन मर्दन व गोवर्धन पूजा का सुंदर वर्णन किया गया।
शनिधाम पर आयोजित भागवत कथा में वृंदावन धाम से पधारे कथा व्यास पंडित रोहित रिछारिया ने कहा कि भगवान की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक हैं। भगवान कृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं की। बाल कृष्ण सभी का मन मोह लिया करते थे। नटखट स्वभाव के चलते यशोदा मां के पास उनकी हर रोज शिकायत आती थी। मां उन्हें कहती थी कि प्रतिदिन तुम माखन चुरा के खाया करते हो, तो वह तुरंत मुंह खोलकर मां को दिखा दिया करते थे कि मैंने माखन नहीं खाया। कहा कि भगवान कृष्ण अपनी सखाओं और गोप-ग्वालों के साथ गोवर्धन पर्वत पर गए थे। वहां पर गोपिकाएं 56 प्रकार का भोजन रखकर नाच गाने के साथ उत्सव मना रही थीं। कृष्ण के पूछने पर उन्होंने बताया कि आज के ही दिन देवों के स्वामी इंद्र का पूजन होता है। इसे इंद्रोज यज्ञ कहते हैं। इससे प्रसन्न होकर इंद्र व्रज में वर्षा करते हैं, जिससे प्रचुर अन्न पैदा होता है। भगवान कृष्ण ने कहा कि इंद्र में क्या शक्ति है। उनसे अधिक शक्तिशाली तो हमारा गोवर्धन पर्वत है। इसके कारण ही वर्षा होती है, अतरू हमें इंद्र से बलवान गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा कालिया मान मर्दन की कथा का भी वर्णन किया गया। इस मौके पर इस मौके पर पारीक्षित मुन्नी देवी त्रिपाठी, यज्ञ यजमान मिथलेश, रामप्रकाश त्रिपाठी, विमलेश, वृंदावन त्रिपाठी, आरती, आनंद ?त्रिपाठी, दीप कुमार, कृष्णा, प्रियतम त्रिपाठी, आकांक्षा, प्रिया, मंजूलता, यश शुक्ला, ऋषि, शुभि, अंजली, आर्या, आरूष, इवान्या शुक्ला आदि मौजूद रहे।