रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । जालौन के शनिधाम पर आयोजित नौ कुंडीय श्रीराधा वल्लभ महायज्ञ और श्रीमद् भागवत कथा में महारास लीला का वर्णन किया गया। रासलीला में भगवान शंकर का आना एवं श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह के प्रसंग का सुंदर वर्णन कथा व्यास हर्षिता किशोरी ने किया।
भागवत कथा में छठवें दिन कथा व्यास हर्षिता किशोरी ने रास पंच अध्याय का वर्णन करते हुए कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है, वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ। जो भक्त प्रेमी कृष्ण-रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। कहा कि जब-जब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाते हैं। जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है उसे दर्शन देते है। जीव परमात्मा का अंश है। इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है, तो वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे। इस मौके पर यज्ञाचार्य पंडित मिथलेश महाराज, पुजारी भरत तिवारी, चंद्रभान मिश्रा, विनीता, मधु, रागिनी, मीनाक्षी, अनुपमा, सिमरन, देवकी आदि मौजूद रहे।
