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उत्तर प्रदेश कारागार विभाग के छह अधीक्षकों को प्लेटिनम और पांच को मिला गोल्ड

Six superintendents of Uttar Pradesh Prison Department got platinum and five got gold.

गणतंत्र दिवस पर आईजी जेल के प्रशंसा चिन्ह से 232 कर्मियो को मिला सम्मान

(रिपोर्ट – राकेश यादव)

Lucknow news today । गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार प्रदेश कारागार विभाग के 232 अधिकारियों और कर्मियों को आईजी जेल के प्लेटनिनम, गोल्ड, सिल्वर और प्रशंसा प्रमाण पदक से सम्मानित किया गया है। इसमें एक डीआईजी, एक वरिष्ठ अधीक्षक और चार अधीक्षक को प्लेटिनम, पांच अधीक्षकों को गोल्ड और एक अधीक्षक को सिल्वर पदक प्रदान किया गया है।

पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार एसएन साबत की ओर से जारी को गई सूची में डीआईजी एके सिंह, वरिष्ठ अधीक्षक सहारनपुर अमिता दुबे, गोंडा अधीक्षक प्रमोद कुमार सिंह, शाहजहांपुर अधीक्षक मिजाजी लाल, कानपुर अधीक्षक विष्णुदत्त पांडे और गाजियाबाद अधीक्षक आलोक सिंह को प्लेटिनम प्रशंसा पदक से सम्मानित किया गया। इसके अलावा ब्रजेंद्र सिंह, सतीश चंद्र त्रिपाठी, अरुण प्रताप सिंह, बृजेश कुमार और प्रशांत मौर्या को गोल्ड पदक से सम्मानित किया गया।

इसके साथ ही इटावा वरिष्ठ अधीक्षक रामधनी, फतेहगढ़ के प्रेमनाथ पांडे, बांदा के वीरेश राज शर्मा, नैनी के रंग बहादुर, बरेली दो के विपिन कुमार मिश्र, मुरादाबाद के पवन प्रताप सिंह, अलीगढ़ के बृजेंद्र कुमार सिंह, अयोध्या के उदय प्रताप मिश्र, रायबरेली अधीक्षक हर्षिता मिश्रा, मुजफ्फरनगर के सीताराम शर्मा, मेरठ के शशिकांत मिश्र, बुलंदशहर के राजेंद्र कुमार जायसवाल, बाराबंकी के कुंदन कुमार, चित्रकूट के शशांक पांडेय और बिजनौर की आदिति श्रीवास्तव को आईजी जेल ने प्रशंसा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया है। विभाग में 25 अधिकारी, कर्मियो को प्लेटिनम (हीरक), 330को गोल्ड (स्वर्ण), 88 को सिल्वर (रजत) पदक के साथ 64 को प्रशंसा प्रमाण पत्र देकर कुल 232 कर्मियों को सम्मानित किया गया।

शायद ही कोई बच पाए सम्मानित होने से

प्रदेश के कारागार विभाग में जिस तेजी से अधिकारियों और कर्मियों को सम्मानित किया जा रहा है, उससे लगता है कि आने वाले समय में शायद ही ऐसा कोई अधिकारी और कर्मचारी बचे जिसको कोई न कोई सम्मान (पदक) मिला हो। इस बात को लेकर विभागीय कर्मियों में तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है। विभाग की ओर से जारी की गई सूची में जेलर, डिप्टी जेलर, वार्डर, हेड वार्डर, बाबू, चालक से लेकर चपरासी संवर्ग के कर्मी शामिल हैं। अब तक सम्मानित होने वालों की संख्या हजारों का आंकड़ा पार कर चुकी है। चर्चा है कि कई ऐसे कर्मियो को अलंकृत कर दिया गया है जो जेलों में ड्यूटी करने के बजाए मुख्यालय में अधिकारियों की सेवा के साथ फाइलें इधर उधर करने में जुटे हुए हैं।

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