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गुजरात के राजकोट में हुए अग्निकांड का मामला : हाइकोर्ट ने लिया संज्ञान, की ये सख्त टिप्पणी

Rajkot news । गुजरात के राजकोट में बीते कल हुई अग्निकांड की दुःखद घटना को गुजरात हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजकोर्ट अग्निकांड पर गुजरात हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है और सख्त टिप्पणी की है। प्रभासाक्षी की रिपोर्ट अनुसार गुजरात हाई कोर्ट ने इस घटना को मानव निर्मित आपदा बताया है। बता दें, रविवार को हाईकोर्ट की स्पेशल ब्रांच के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच ने अग्निकांड पर ये टिप्पणी की है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगम से स्पष्टीकरण मांगा है।
प्रभासाक्षी की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच ने कहा कि गेमिंग जोन के निर्माण और संचालन के लिए नियमित और उचित नियमों का पालन नहीं किया गया। इसी के साथ कोर्ट ने अहमदाबाद के सिंधुभवन रोड, सरदार पटेल रिंग रोड और एसजी हाईवे पर बने गेमिंग जोन को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया। हाई कोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगम से स्पष्टीकरण मांगा है। इसके साथ ही कोर्ट ने अग्नि सुरक्षा नियमों के अनुपालन के संबंध में भी स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने निगम से पूछा है कि कानून के किस प्रावधान के तहत उन्होंने इस गेमिंग जोन को संचालित करने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने निगम को एक दिन में जानकारी मुहैया कराने को कहा है। जानकारी के लिए बता दें, इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी, जिसके लिए कोर्ट ने राज्य सरकार के साथ नगर निगमों को तलब किया है।

यह हुई थी घटना

राजकोट के टीआरपी गेम जोन में शनिवार को भीषण आग लग गयी थी। इस घटना में अबतक 27 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 12 साल से कम उम्र के चार बच्चे भी शामिल हैं। घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया, जिसे 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपनी है।

प्रभासाक्षी की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार देर रात राजकोट पहुंची एसआईटी ने रविवार सुबह स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक की। अधिकारियों ने बताया कि शव बुरी तरह से जले हुए हैं और उनकी शिनाख्तमें मुश्किलें आ रही हैं इसके लिए शवों और मारे गए लोगों के परिजन के डीएनए के नमूने एकत्र किए गए हैं।

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