Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

उत्तर प्रदेश जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी की आज बैठक सम्पन्न ,,प्रधान मुख्य आयुक्त ने सुनी समस्याएं,दिये समाधान के निर्देश

Uttar Pradesh GST Grievance Redressal Committee meeting concluded today, Principal Chief Commissioner heard the problems, gave instructions for solution

Lucknow news today । उत्तर प्रदेश जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी की आज पाँचवीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रधान मुख्य आयुक्त केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर प्रमोद कुमार व आयुक्त राज्य कर मिनिस्ती एस ने व्यापारियों की विभिन्न समस्याएँ व सुझाव सुनकर समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने कहा स्थानीय स्तर पर यदि समाधान नहीं मिलता है तो उच्चाधिकारियों को समस्या से अवगत कराएं।
आज आयोजित हुई इस बैठक के सम्बंध में जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी के सदस्य मनीष खेमका ने परिवहन के दौरान मामूली त्रुटियों पर माल को रोके जाने पर शीर्ष अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि माल रोके जाने पर प्रायः धारा 129 के तहत कार्रवाई की जाती है। जिसके तहत भारी भरकम पेनाल्टी जमा करने का प्रावधान है। भले ही त्रुटि मामूली क्यों न हो। खेमका ने कहा कि जब तक कर चोरी की नीयत स्पष्ट न हो तब तक इस धारा का प्रयोग करने से बचना चाहिए। ऐसा करके हम उत्तर प्रदेश में कारोबार करने की स्थिति को और सुगम बनाकर व्यापारियों के भरोसे के साथ ही अधिक निवेश भी आकर्षित कर सकते हैं। खेमका के इस प्रस्ताव पर आयुक्त राज्य कर मिनिस्ती एस ने समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने एक शासनादेश का हवाला देते हुए बताया कि इसमें धारा 129 से सम्बंधित अनेक सामान्य त्रुटियों का स्पष्टीकरण है जिन पर पेनाल्टी का प्रावधान नहीं है। उन्होंने वहाँ मौजूद संयुक्त आयुक्त हरीलाल प्रजापति को इस शासनादेश को पुनः प्रसारित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होने भरोसा दिलाया कि ऐसी किसी भी प्रकार की अनियमितता सामने आने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी के सदस्य मनीष खेमका ने एक पॉलिसी सुझाव के तहत उत्तर प्रदेश में वैट की तरह ही जीएसटी के भी 16 ट्रिब्यूनल गठित करने का अनुरोध किया जिससे प्रदेश के व्यापारियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। ग़ौरतलब है कि वर्तमान में जीएसटी के तहत उत्तर प्रदेश में पाँच ट्रिब्यूनल प्रस्तावित हैं जिनका गठन होना अभी बाक़ी है। संख्या के लिहाज़ से फ़िलहाल उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक ट्रिब्यूनल हैं जिनकी मंज़ूरी में आयुक्त राज्य कर मिनिस्ती एस का विशेष योगदान रहा है। आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में स्वाभाविक रूप से अधिक ट्रिब्यूनलों की आवश्यकता है।बैठक में मौजूद मनीष कटारिया, अमर मित्तल, रीना भार्गव, आलोक अग्रवाल व अन्य प्रतिनिधियों की विभिन्न समस्याओं पर सीजीएसटी के अपर आयुक्त ऋतुराज गुप्ता व एसजीएसटी के संयुक्त आयुक्त हरीलाल प्रजापति ने जवाब दिया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दख़ल के कारण हो रही कुछ तकनीकी समस्याओं पर भी यहाँ चर्चा हुई। बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही सीजीएसटी के अमर अग्रवाल, सौरभ निगम व विशाल श्रीवास्तव समेत अनेक प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Leave a Comment