रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today। ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाए जाने वाले वट सावित्री पूजा अथवा बरगदाई पूजा में महिलाओं ने बरगद के पेड़ों पर धागा बांधकर पति की लंबी उम्र की कामना की।
वट सावित्री पूजा को लेकर पंडित अरविंद बाजपेई ने बताया कि इस दिन सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लौटाने के लिए यमराज को भी विवश कर दिया था। बरगद के पेड़ के नीचे ही सावित्री ने अपने पति सत्यावान को पुनर्जीवित कराया था। तब से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। इस व्रत के दिन सत्यवान-सावित्री कथा को भी पढ़ा या सुना जाता है। नगर में मोहल्ला चौधरयाना स्थित श्रीकृष्ण मंदिर, चुर्खी रोड स्थित के पास समेत मंदिरों व आसपास लगे बरगद के नीचे पहुंचकर महिलाओं ने वट सावित्री पूजा में धूप और घी का दीप जलाकर, लाल कलावा, सुहाग का समान, कच्चा सूत, चना आदि को बरगद पर चढ़कार उसके तने के चारों ओर 108 बार धागे को बांधकर पति की लंबी उम्र की कामना की।
