परिजनों और बंदियों ने जेल प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगा सच का खुलासा
(राकेश यादव)
Lucknow / baghpat news today । उत्तर प्रदेश की अतिसंवेदनशील बागपत जिला जेल में गुरुवार को एक बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जेल प्रशासन बंदी की हार्ट अटैक से मौत बता रहा है, वहीं दूसरी ओर जानकारों का कहना है समय पर इलाज नहीं मिल पाने की वजह से बंदी की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की स्थित साफ हो पाएगी।
मिली जानकारी के मुताबिक खेखड़ा निवासी बाबी (45 वर्ष) पुत्र हरी सिंह को पुलिस ने मई 2022 में गिरफ्तार कर बागपत जिला जेल भेजा था। सूत्रों का कहना है कि जेल में बंद बाबी की पिछले कई दिनों से तबियत खराब चल रही थी। बंदी जेल प्रशासन के अधिकारियों से लगातार उपचार कराए जाने की गुहार लगा रहा था। बताया जा रहा है कि जेल अधिकारियों ने बंदी की इस गुहार को नजरंदाज कर दिया। गुरुवार की सुबह अचानक बंदी की हालत बिगड़ गई। बंदी बॉबी नहाकर वापस जा रहा था। इसी दौरान वह गश खाकर गिर गया। आनन फानन में बैरक में मौजूद बंदियों और सुरक्षाकर्मियों ने इसकी सूचना अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों को दी।
जेल प्रशासन के अधिकारियों ने आनन फानन में गश खाकर गिरे बंदी बॉबी को उपचार के लिए जेल के बाहर अस्पताल में भेजा। जहां डॉक्टरों ने बंदी को मृतक घोषित कर दिया। बताया गया है कि जेल में बगैर सुविधा शुल्क लिए बंदियों को उपचार के अस्पताल भेजा ही नहीं जाता है। बंदी के परिजनों और साथी बंदियों का आरोप है कि जेल अधिकारियों की लापरवाही की वजह से बंदी की मौत हो गई। समय रहते बंदी को उपचार मिल जाता तो शायद उसकी जान बच जाती।
जेल अधीक्षक ने कही यह बात
उधर बंदी की मौत का संबंध में जब बागपत जेल अधीक्षक वीके मिश्र से बात की गई तो उन्होंने लगाए गए आरोपों को सिरे से नकारते हुए बताया कि बंदी की तबियत खराब ही नहीं थी। बंदी बॉबी स्वस्थ था। उसने व्रत रखा हुआ था। सुबह वह स्नान करके बाहर आया और लड़खड़ाकर गिर गया। उसको हार्ट अटैक पड़ा था। बंदी को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
एक बार फिर सुर्खियों में बागपत जेल
पश्चिम उत्तर प्रदेश की बागपत जेल एक बार फिर सुर्खियों में है। दो दिन पहले कैदियों के जेल स्थानांतरण में अधिकारियों की मनमानी का खुलासा हुआ था। इसमें जेल में बंद दबंग और असरदार कैदियों को सुविधा शुल्क लेकर रोक दिया गया। वहीं निरीह, कमजोर, बीमार और गरीब बंदियों को स्थानांतरित कर दिया गया। गौरतलब है कि माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (मृतक) के शूटर मुन्ना बजरंगी की हत्या और आए दिन होने वाले बवालो की से यह जेल सुर्खियों में रही है।