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ग्राम्य विकास प्रशिक्षण संस्थान में 5 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन, चार राज्यों के प्रशिक्षु मौजूद

Lucknow news today। दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ द्वारा भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण भारत सरकार के सहयोग से, खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की क्षमता संवर्धन हेतु दिनांक 23-27 सितम्बर, 2024 की अवधि में, संस्थान पर पांच दिवसीय आवासीय “पुनश्चर्या प्रशिक्षण कार्यक्रम” का आयोजन किया जा रहा है। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रस्तावित 52 प्रशिक्षु प्रतिभागी अधिकारियों के सापेक्ष 47 प्रशिक्षु प्रतिभागी अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है, जिसमें 4 प्रदेशों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार तथा दिल्ली प्रदेश के खाद्य सुरक्षा अधिकारी सम्मिलित हैं।


प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र का आयोजन एल0 वेंकटेश्वर लू, महानिदेशक संस्थान एवं उपाम, सम्प्रति अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तथा मुख्य अतिथि गुरू प्रसाद, आयुक्त राज्य खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उ0प्र0, सम्प्रति प्रमुख सचिव उ0प्र0 शासन तथा विशिष्ट अतिथि सुनीता सिंह धवन, वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक, सी0एस0आई0आर0- सीमैप, लखनऊ अंकेश्वर मिश्र, संयुक्म निदेशक, भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण भारत सरकार, राम कृष्ण गोस्वामी, अध्यक्ष- भारत चरित्र निर्माण संस्थान, नई दिल्ली तथा शेखर चतुर्वेदी, वरिष्ठ सलाहकार/संकाय अधिकारी, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, भारत सरकार की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।


संस्थान द्वारा उद्घाटन सत्र समारोह को, पूर्व प्रस्तावित व वर्तमान में समानान्तर रूप से संचालित हो रहे क्रमशः खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के अन्तर्गत “पुनश्चर्या प्रशिक्षण कार्यक्रम” तथा “ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑन आई0आर0एस0: ए टूल मैनेजमेण्ट ऑफ क्राउड एट लार्ज कांग्रेगेशंस” विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में उपस्थित समस्त प्रतिभागियों को संयुक्त रूप से, उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे महानिदेशक संस्थान, मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों द्वारा संबोधित किया गया। आपादा प्रबन्धन विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्व, पुलिस, पर्व-त्यौहार एवं मेला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ एवं मध्य श्रेणी के अधिकरियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।


उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में गुरू प्रसाद आयुक्त-खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उ0प्र0 द्वारा समस्त उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुये बताया कि दुनिया भर में खाने-पीने की चीजों में मिलावट की वजह से प्रतिवर्ष लगभग 22 से 25 लाख लोगों की मौत हो जाती है, इनमें लगभग 20 लाख बच्चे भी शामिल हैं। डाक्टरों के अनुसार इन मौतों की वजह खाद्य पदार्थो में मिलावट अर्थात संदूषित भोजन व अन्य खाद्य पदार्थ हैं। डब्ल्यू0 एच0 ओ0 के अनुसार संदूषित भोजन की वजह से 200 से भी अधिक बीमारी होने का खतरा रहता है। कृषि कार्यों में रसायनों के उपयोग को सीमित करना होगा। अच्छी प्रकार भोज्य खाद्य पदार्थों का संग्रहण/स्थानांतरण, रिटेल खाद्य सामग्री की दुकानें, रेस्टोरेंट्स तथा ढाबों आदि के तौर तरीकों पर ध्यान देना होगा, साथ ही घरेलू बाजार के लिये भी सख्ती बरतना सबसे बडी आवश्यकता है।


अध्यक्षीय उद्बोधन के अन्तर्गत महानिदेशक संस्थान एल0 वेंकटेश्वर लू द्वारा बताया गया कि “सुरक्षित आहार, स्वास्थ्य का आधार” ध्येयपूर्ण नारे के साथ लोगों को यह बताने में सार्थकता है कि सुरक्षित आहार प्राप्त करना उनका अधिकार है। प्राथमिक रूप से मूल उद्देश्य सुरक्षित आहार के 05 सूत्रों- साफ सफाई का ध्यान, कच्चे व पके हुये भोजन को अलग-अलग रखना, भोजन को अच्छी तरहे पकाना, भोजन को सही तापमान पर रखना और स्वच्छ तथा सुरक्षित पानी के महत्व के सम्बन्ध में जागरूक करने के साथ खाद्य संरक्षा के आम उपाय तथा स्ट्रीट फूड वेण्डर्स एवं उपभोक्ताओं द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी देना, साथ ही महानिदेशक महोदय द्वारा श्रीमद्भगवत गीता में वर्णित कुछ श्लोकों के माध्यम से यह परिभाषित किया कि स्वस्थ तन और मन होने से किसी भी प्रकार की समस्याओं और आपदाओं का सामना इस मानव शरीर द्वारा किया जा सकता है।


उद्घाटन सत्र के दौरान प्रबुद्ध विचारों व सुझावों को प्रकट व परिभाषित करने वाले समस्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, विशिष्ट अतिथियों तथा विषय विशेषज्ञों को संस्थान के अपर निदेशक बी0डी0 चौधरी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन व प्रबन्धन के दृष्टिगत प्रशिक्षण नियंत्रक अधिकारी डॉ0 एस0 के0 सिंह तथा डॉ0 नीरजा गुप्ता, प्रशिक्षण प्रभारी अधिकारी डॉ0 सीमा राठौर तथा संजय कुमार एवं सहयोगी अधिकारी के रूप में कुमार दीपक तथा प्रतिमेश तिवारी का महत्वपूर्ण योगदान है।

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