Jalaun news today । हल्की-हल्की फुहार है, ये सावन की बहार है, संग पिया के झूलें आओ, आज हरियाली तीज का त्योहार है इन पंक्तियों के साथ महिलाओं ने पेड़ों पर झूले डाले और शिव पार्वजी की पूजा अर्चना की।
सावन का महीना चल रहा है। सावन के महीने में प्रकृति भी उत्सव मनाती सी प्रतीत होती है। हर ओर हरयिाली की चादर बिछी होती है। इसीलिए सावन महीने में पड़ने वाली तीज को हरियाली तीज भी कहा जाता है। सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है। इस महीनें में कई व्रत व त्योहार मनाए जाते हैं। जिसमें हरियाली तीज का महिलाओं को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस त्योहार का क्रेज सबसे अधिक नई नवेली दुल्हनों में होता है। वह पूरे सोलह श्रृंगार करती हैं। क्योंकि सावन के महीने में मेहंदी लगाना बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए महिलाओं में अपने हाथों में आकर्षक डिजाइनों की मेंहदी लगवाने की एक तरह से होड़ होती है। हरियाली तीज के मौके पर महिलाएं प्रकृति के रंग हरी साड़ी पहनकर शिव मंदिरों में पहुंची। जहां उन्होंने माता पार्वती व भगवान शंकर की पूजा अर्चना कर अपने पति व परिवार के सौभाग्य की कामना की। पंडित अरिवंद बाजपेई बताते हैं कि हिन्दू पंचाग के अनुसार हारियाली तीज हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती का भगवान शिव से पुनर्मिलन हुआ था। आज के दिन सुहागिनें और कुंवारी लड़कियां अपने पति और मनचाहे वर को पाने की कामना के लिए व्रत रखती हैं और माता पार्वती व भगवान शिव शंकर की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करती हैं। जो महिला यह व्रत रखती है उसका दांपत्य जीवन खुशहाल होता है और उसकी संतान को किसी तरह का कोई कष्ट नहीं होता है। हरियाली तीज के पर्व पर महिलाओं के साथ बच्चों ने भी झूला झूलकर त्योहार का आनंद लिया।