रिपोर्ट बबलू सेंगर
Jalaun news today । जालौन नगर के श्रीवीर बालाजी हनुमान मंदिर में आयोजित श्रीशिव पुराण कथा के पांचवे दिन कथा व्यास पंडित शिवम नगायच ने शिव विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि आत्मा का परमात्मा से मिलन ही शिव में लीन हो जाना है। भगवान शंकर वैराग्य के देवता माने गए हैं। परंतु शिव ने भी विवाह करके संसार को गृहस्थ आश्रम में रहकर भी वैराग्य व योग धर्म का अनुशरण करने का तरीका दिया है।
कथा व्यास पंडित शिवम नगायच ने कहा कि शिव परिवार में भगवान के वाहक नंदी, मां पार्वती का शेर, गणेशजी का मूसक और कार्तिकेय का वाहन मोर है। शिव के गले मे सर्प रहते हैं। विपरीत विचारधारा के बीच भी सामंजस्य रखना हमें शिव पुराण ही सिखाता है। भगवान के विवाह के वर्णन में मैनादेवी व हिमालय राज की पुत्री के रूप मे मां पार्वती का जन्म लेना। प्रारंभिक काल मे शिव की तपस्या करना की कथा सुनाई गई। बताया कि उसी दौरान तारकासुर के आतंक को खत्म करने के लिए शिव का तंद्रा भंग हुई। तब जाकर शिव पार्वती का विवाह हुआ। इस दौरान भजनों में ऐ री सखी मंगल गाओ री, खुशियां मनाओ री। शुभ दिन आयो आज सखी री, मंगल आशा मन को सोहे भजन की अमृत वर्षा हुई। मंदिर परिसर में शिव बारात भी निकाली गई। इस दौरान पारीक्षत मंदिर के पुजारी कमलेश महाराज, लवकुश, जय पचौरी, भोले, संजीव पचौरी, देवेंद्र प्रजापति, भगवानदास, जया, संतोष, जिज्ञासा, अनुराधा, प्रियंका, शुचिता समेत बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।