Jalaun news today । चैत्र नवरात्र के सातवें दिन दुर्गा मां के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा अर्चना की गई। मंदिर में भक्तों बड़ी संख्या में पहुंचकर आराधना की और काली माता पर गुड़हल के पुष्प चढ़ाकर मां को प्रसन्न कर शुभ फल मांगा।
नगर व क्षेत्र में चैत्र नवरात्र का पर्व बड़े श्रृद्धा व विश्वास के साथ मनाया जा रहा है। नगर व क्षेत्र में देवी मंदिरों पर ब्रह्ममुहूर्त से ही लोग देवी मंदिरों में पहुंचकर देवी मां की पूजा अर्चना एवं माता का जयघोष कर रहे हैं। नवरात्र की सप्तमी तिथि को महाशक्ति मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की गई।
पंडित देवेंद्र दीक्षित ने बताया कि मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। मां दुर्गा के कालरात्रि रूप का अवतार असुरों के राजा रक्तबीज का वध करने के लिए हुआ था। इनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। मां कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत भयानक है, मगर वह सदैव अपने भक्तों को शुभ फल प्रदान करती हैं। मां कालरात्रि की पूजा करने से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है। नगर के कोतवाली रोड स्थित काली माता मंदिर पर सुबह से ही श्रृद्धालुओं ने पहुंचकर माता काली को गुड़हल के पुष्प अर्पित कर कलश पूजन किया। इसके उपरांत माता के समक्ष दीपक जलाकर रोली, अक्षत से तिलक कर पूजा अर्चना की।
इसके अलावा नगर क्षेत्र के छोटी माता मंदिर, बड़ी माता, छटी माता, संतोषी माता, शीतला माता मंदिर, उरई रोड भिटारा में स्थित मनोकामनापूर्ण सिद्ध देवी पीठ भिटारा, पहाड़पुरा स्थिति कामांक्षा देवी मंदिर आदि मंदिरों पर मां की पूजा अर्चना की गई। नवरात्र के सातवें दिन नगर में छोटी माता, बड़ी माता, वीर हनुमान बालाजी मंदिर समेत भक्तों के घरों में बोये गए जवारे की झांकी दर्शनों के लिए खोली गई और विशेष पूजा कर प्रसाद वितरण किया गया।