दीन दयाल उपाध्याय प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित हुई वैचारिक संगोष्ठी,, अपर निदेशक ने कही यह बात

Lucknow news today । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बक्सी का तालाब में स्थित पं0 दीनदयाल उपाध्याय की 108 जयंती के शुभ अवसर पर लखनऊ के दिन दयाल प्रशिक्षण संस्थान प्रांगण मे
स्थित पं0 दीनदयाल उपाध्याय की विशाल प्रतिमा पर संस्थान के समस्त अधिकारियों/कामिर्कों द्वारा माल्यार्पण करने के बाद संस्थान के अपर निदेशक, बी0डी0 चौधरी की अध्यक्षता व विषिष्ट अतिथि राम कृष्ण गोस्वामी अध्यक्ष – भारत चरित्र निर्माण संस्थान, नई दिल्ली तथा संस्थान के समस्त अधिकारियो कामिर्कों की गरिमामयी उपस्थिति मे एक बैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उक्त
बैचारिक संगोष्ठी का संचालन संस्थान के डाॅ0 एस0के0 सिंह, सहायक निदेशक द्वारा किया गया।


आज हुई इस बैचारिक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए विषिष्ट अतिथि राम कृष्ण गोस्वामी व वरिष्ठ सलाहकार
हेमेंद्र शर्मा द्वारा उपस्थिति जनसमूह को बताया कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानववाद दर्शन के
एक प्रमुख प्रणेता होने के साथ स्वत्रंतता संग्राम के आंदोलन मे  सन 1940 मे ही अपनी युवा अवस्था काल में राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना के वशीभूत अपनी आद्वितीय एवं प्रमुख भूमिका निभायी। श्री शर्मा ने कहा कि उपाध्याय जी एक राजनीतिक व्यक्तित्व की विभूति होने के साथ, रचात्मक लेखक एवं प्रसिद्व सम्पादक थे। इन्होंने राष्ट्र धर्म प्रकाशन के सम्पादक का दायित्व भी निभाया है। समाजिक सुधारो के क्षेत्र में भी उनका महात्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने जातिवाद और समाजिक भेदभाव के विरूद्व अवाज उठाई आए समानता तथा न्याय के सिद्वान्तों पर जोर दिया।

अपर निदेशक बी डी चौधरी ने कही यह बात


बैचारिक संगोष्ठी के अध्यक्षीय सम्बोधन के अन्तगर्त संस्थान के अपर निदेषक, बी0डी0 चौधरी ने बताया कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय एक महान विचारक, नेता और समाज सुधारक थे। उनका जीवन और कार्य भारतीय राजनीति और समाज के लिये प्रेरण का स्रोत है। उनके द्वारा प्रस्तुत समग्र मानववाद का सिद्वान्त आज भी भारत के विकास के लिये एक मार्गदर्शक सिद्वान्त के रूप मे कार्य करता है। उनके विचारो का प्रचार-प्रसार कर के, हम एक ऐसा समाज बना सकते है, जो समृद्व, नैतिक और संस्कृति रूप से सशक्त हो

बैचारिक संगोष्ठी के समापन के अवसर पर अपर निदेषक संस्थान द्वारा सभी अधिकारियो /कामिर्कों को श्रीमद्भगवतगीता की एक-एक प्रति भेट की गयी। उक्त संगोष्ठी के प्रबन्धन एवं आयोजन के दृष्टिगत संस्थान के उप निदेषक सुबोध दीक्षित, सहायक निदेषक डॉ संजय कुमार, डॉ अशोक कुमार,कुशवाहा, डॉ योगेन्द्र कुमार, डॉ सीमा राठौर, डाॅ0 गरिमा सिंह तथा राजीव

Leave a Comment