(रिपोर्ट – बबलू सेंगर)

Jalaun news today । श्रीशिव दुर्गा मंदिर रावतान में आयोजित भागवत कथा के छठे दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाललीला वभामासुर की कथा सुनाई गई। भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए और जमकर नाचें।
श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के छठे दिन कथा व्यास पुरूषोत्तम शरण ने श्रोताओं को बताया कि जब भगवान कृष्ण ठुमुक ठुमुक कर चलते थे तो यशोदा मैया उन्हें एकटक निहारती रहती थीं। माखन चोरी करते हुए वह स्वयं खाकर अपने सखाओं को खिला देते थे और बाकी बचा हुआ फैला देते थे। तब गांव की ग्वालिन यशोदा मैया से उनकी शिकायत करती थीं। इसकी तरह गोपियों को भी परेशान करते रहते थे। कालिया मान मदर्न की कथा के बारे में भी बताया।

भामासुर की कथा के दौरान उन्होंने कहा कि शुकदेवजी बोले एक दिन इंद्र ने द्वारका में आकर भगवान से कहा भामासुर प्रजा को बड़ा कष्ट दे रहा है। उसने सुर असुर, गंधर्व और राजाओं की कन्याएं अपहरण कर अपने घर में बंद कर रखी हैं। वरुण का छत्र, अदिति के कुंडल एवं देवताओं का क्रीड़ास्थल मणिपर्वत भी उसने बलपूर्वक छीन लिया है। अब वह मेरे ऐरावत को भी छीनना चाहता है। यह सुनते ही भगवान श्रीकृष्ण ने भामासुर की राजधानी पहुंचकर गदा से पर्वत, बाणों से शस्त्र और चक्र से अग्नि जल और वायु के आवरण तोड़ डाले। भामासुर हाथी पर चढ़कर और विशाल सेना लेकर युद्ध भूमि में आ गया। भगवान ने तीक्ष्ण वाणों से हाथी, घोडे़, रथ और पैदल सहित उसकी संपूर्ण सेना क्षणमात्र में काट डाली। केवल भामासुर युद्ध में डटा रहा। उसने श्रीकृष्ण को मारने के लिए त्रिशूल उठाया लेकिन भगवान ने त्रिशूल के बार के पूर्व ही उसका मुकुट कुंडल सहित सिर काटकर पृथ्वी पर गिरा दिया। इस मौके कोमल सिहं, देवी सिंह, बलवीर सिंह, कैलाशचन्द्र, संतोष कुमार, शिवबालक, राजा सिंह, अशोक, जगमोहन, देवकीनंदन, लक्ष्मण सिहं समेत बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।

