रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । अशक्ति ही सुख दुख का कारण है। यदि संसार में ये अशक्ति है, तो दु:ख का कारण बन जाती है। यही अशक्ति भगवान और उनमें भक्ति में हो जाए तो मोक्ष का द्वार खुल जाता है। यह बात शनि धाम पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में कथा व्यास हर्षिता किशोरी ने कही।
गूढ़ा स्तिथ शनिधाम पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में दूसरे दिन की कथा का वर्णन करते हुए कथा व्यास हर्षिता किशोरी ने कहा कि कपिल भगवान ने माता देवहूति से कहा कि अशक्ति के चलते ही सुख दुख आता है। सांसारिक रूप में यह दुख का कारण बनती है यदि भगवान में हो जाए तो मोक्ष का द्वार खुल जाता है। कहा कि मनुष्य को ऋषभ देव जी जैसा आदर्श पिता होना चाहिए। जिन्होंने अपने पुत्रों को समझाया कि इस मानव शरीर को पाकर दिव्य तप करना चाहिए, जिससे अंत:करण की शुद्धि हो तभी उसे अनंत सुख की प्राप्ति हो सकती है। भगवान को अर्पित भाव से किया गया कर्म ही दिव्य तप है। जीवन में अगर एक दूसरे पर संदेह तो कोई बात नहीं लेकिन संदेह ज्यादा दिन तक हो तो बड़ी बात है। संदेह हो तो बात उसी समय खत्म कर देना चाहिए तभी रिश्ते चलते हैं। आप गृहस्थ में हैं तो सबसे ज्यादा जरूरी है उस संबंध को निभाना क्योंकि हमारे यहां बनाया जाता है बिगाड़ा नहीं जाता। हमारे संस्कारों में एक ही संबंध है जुड़ गया तो निभाओ। आगे कहा कि आप अपने बच्चों को साधु संतों से, महात्माओ से, गुरूजनों से आशीर्वाद दिलवाओ, तभी आपके बच्चे संस्कारवान बनेंगे। अपने बच्चों से कहिए की रोज माता पिता, दादा, दादी को प्रणाम किया करें। बेटियों को कहो की हाथ जोड़ कर राम राम, राधे राधे किया करें।

इस मौके पर पुजारी भरत तिवारी, यज्ञाचार्य पंडित मिथलेश महाराज, चंद्रभान मिश्रा, विनीता, प्रेमलता, मिथलेशी, रानी, नीतू, शशिकला, कृष्णा, प्रीति, गार्गी, सुषमा, रूचि आदि मौजूद रहे।
