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देवी भागवत महापुराण की कथा में नवरात्र की कथा का वर्णन सुन भाव विह्वल हुए भक्त,,,

Devotees were emotional after hearing the description of the story of Navratri in the story of Devi Bhagwat Mahapuran.

(रिपोर्ट – बबलू सेंगर)

Jalaun news today । क्षेत्रीय ग्राम सिहारी पड़ैया में देवी भागवत महापुराण की कथा चल रही है। जिसके चौथे दिन नवरात्र के महत्व का वर्णन किया गया। भजनों पर महिलाएं जमकर झूमती नजर आई।
सिहारी पड़ैया स्थित देवी मंदिर पर आयोजित देवी भागवत महापुराण की कथा में चौथे दिन कथा व्यास पंडित रामरूप आचार्य ने नवरात्र का महत्व बताया। कहा कि नवरात्र पर देवी के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। सच्चे मन से पूजा-अर्चना और व्रत रखने से देवी प्रसन्न होती है। सभी मनोकामनाओं को पूरा करती है। कथा व्यास ने मां की महिमा बताते हुए कहा कि पुत्र कुपुत्र हो सकता है, लेकिन मां कभी भी कुमाता नहीं हो सकती है। मां भगवती अपने भक्तों की सदा रक्षा करती है। उन्होंने कहा कि सभी को सत्संग में जाना चाहिए। संतों का साथ करना चाहिए। सनातन धर्म की रक्षा के लिए सभी को आगे आना चाहिए। सत्संग करो वही हमारे साथ जाएगा। उन्होंने सतानती संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। कहा कि प्रभु भक्ति से ही मोक्ष प्राप्ति संभव है। इस मौके पर सहायक आचार्य अभिषेक, पारीक्षित शशिकांत द्विवेदी, ज्योति द्विवेदी, रामप्रकाश पांडेय, बृजनारायण, अजय कुमार, रबूदे कुशवाहा, मुन्नी लाल, निशाबाई, किरन, सावित्री, गुड्डी आदि मौजूद रहे।

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